अमावस्या को यह काम किया तो हो जाओगे बर्बाद

अमावस्या को यह काम किया तो हो जाओगे बर्बाद
Share:


हिंदी पंचांग के अनुसार हर महीने 15-15 दिन बाद अमावस्या और पूर्णिमा तिथि का आना जाना लगा रहता है. महीने में एक बार अमावस्या और एक बार पूर्णिमा का दिन आता है.पूर्णिमा को शुभ दिन माना जाता है. इस दिन भगवान की उपासना की जाती है. कथा, भजन-कीर्तन और यज्ञ आदि किए जाते है. वही दूसरी ओर अमावस्या को अशुभ दिन माना जाता हैं. इस दिन चन्द्रमा भी आकाश में नहीं दिखाई पड़ता है. पर क्या आप जानते है कि ऐसा क्यों होता है. अगर नहीं पता तो आइये जानते है. 

ऐसा माना जाता है कि अमावस्या के दिन नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बहुत ज्यादा होता है लेकिन इस यह दिन  पूजा, जप तप के लिए बहुत ही शुभ होता है. बता दे कि इसके स्वामी पितृ देव है अतः इस दिन कोई भी मंगल कार्य नहीं करना चाहिए नहीं तो उसके अनुकूल परिणाम प्राप्त होते है.

शास्त्रों के अनुसार चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है इसलिए इस दिन मन बहुत असंतुलित होता है. इस दिन मेहंदी ,बरगद ,इमली ,मौलसिरी ,पीपल के पेड़ो के नीचे जाने से बचना चाहिए. क्योंकि इन पेड़ो पर भूत,प्रेतों का वास होता है. जो की अमावस्या को ज्यादा शक्तिशाली हो जाते है.इस दिन किसी भी जरुरतमंद या अन्य व्यक्ति का दिल नहीं दुखाना चाहिए क्योंकि दिल को ठेस पहुंचाने से शनि और राहु-केतु रुष्ट हो जाते हैं और उनके प्रकोप से आपके जीवन में उथल-पुथल मच सकती है.

इस मन्त्र के जाप से पहुँच सकते है सफलता के शिखर पर

भगवान शंकर के इस रूप का जन्म नहीं उत्पत्ति हुई : बाबा गोरखनाथ

इस दिशा में तिजोरी रखने से होती है धन में कमी

 

Share:

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -