नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर मौलाना के विवादित बयान का एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में कोई मौलाना, महात्मा गांधी की तुलना एक आतंकवादी से करते हुए कहते हैं कि अगर हमास को आतंकवादी संगठन कहा जाता है, तो महात्मा गांधी भी आतंकी थे। इस वीडियो को शेयर करते हुए ट्विटर यूज़र ने भारतीय मौलाना जौहर अली के सालों पुराने बयान का भी हवाला दिया है। जिसमे कथित तौर पर मौलाना जौहर ने कहा था कि, गांधी भले ही एक महान व्यक्ति हों, लेकिन वे एक बुरे मुसलमान से भी बदतर हैं, क्योंकि सिर्फ मुसलमान को ही जन्नत मिलेगी, जबकि गांधी नरक में जलेंगे। इसके जरिए एक तरह से मौलानाओं की कट्टरपंथी सोच को उजागर किया गया है।
"If Hamas is terrorist, Gandhi was a terrorist"
— Pakistan Untold (@pakistan_untold) August 1, 2024
As Moulana Jauhar Ali said- "Gandhi might be a noble man but he is worse than a pervert Muslim coz latter will get Jannat and Gandhi will burn in hell"
Mohandas wanted Hindus to 'win this hate with love'.pic.twitter.com/zqsvW6Ihob
ये वीडियो एक भारतीय मौलाना का बताया जा रहा है, जिनका नाम मौलाना सज्जाद नोमानी है, हालाँकि वीडियो कहाँ का है इसकी पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन, हमास-इजराइल के बीच जारी जंग में कुछ दिन पहले ही हमास चीफ इस्माइल हानिया की मौत हुई है, जिसके बारे में मौलाना बयान दे रहे हैं, इसलिए माना जा रहा है कि ये वीडियो हाल ही का है। मौलाना सज्जाद नोमानी कांग्रेस समर्थक माने जाते हैं, उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से कई पोस्ट किए हैं, जिसमे उन्होंने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को गाज़ा, फिलिस्तीन की आवाज़ उठाने के लिए धन्यवाद् दिया है। लेकिन, उनके मौजूदा वीडियो ने सोशल मीडिया पर विभाजन पैदा कर दिया है, ऐसे में इस मुद्दे पर कांग्रेस और नेता विपक्ष राहुल गांधी की प्रतिक्रिया भी देखने योग्य होगी, क्योंकि ये देश के राष्ट्रपिता का अपमान है। इससे पहले सज्जाद नोमानी ने भारत के बंटवारे पर बयान देते हुए कहा था कि देश को गाँधी, नेहरू और पटेल ने बांटा है, मुसलमानों ने नहीं ।
देश को गान्धी नेहरू और पटेल ने बांटा है मुस्लमानौं ने नहीं सज्जाद नोमानी साहिब pic.twitter.com/ATOB1x6UM7
— Mufti Salman Ishaati (@SayyadSalmanAli) December 12, 2017
इस वीडियो की नेटिज़न्स ने कड़ी आलोचना की है। कई लोगों ने मौलाना की टिप्पणियों की निंदा की है और इसे भारतीय इतिहास में एक सम्मानित व्यक्ति गांधी के प्रति भड़काऊ और अपमानजनक बताया है। सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर इस बयान की निंदा करने वाले और इस तरह की भड़काऊ बयानबाजी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करने वाले पोस्ट की बाढ़ आ गई है। इस आलोचना के बीच, कुछ उपयोगकर्ता मौलाना के बोलने की स्वतंत्रता के अधिकार का बचाव कर रहे हैं, उनका तर्क है कि उनके शब्द एक व्यक्तिगत राय को दर्शाते हैं और उन्हें उसी तरह से माना जाना चाहिए। हालाँकि, प्रचलित भावना आक्रोश और निंदा की बनी हुई है, तथा कई लोग ऑनलाइन ऐसी विभाजनकारी सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।
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