मुंबई: महाराष्ट्र में पिछले 1 महीने से सियासी सरगर्मी बढ़ी हुई है। विशेष रूप से शिवसेना एवं एकनाथ शिंदे गुट के बीच में जबरदस्त जुबानी जंग चल रही है। शिवसेना से हर दिन नेताओं का पलायन आरम्भ है। इसी बीच पूर्व कैबिनेट मंत्री रामदास कदम ने शिवसेना नेताओं पर जमकर हमला बोला है। रामदास कदम ने कहा कि आखिरकार शिवसेना में फूट पड़ी। अगर एकनाथ शिंदे ने बगावत न की होती तो ढाई वर्ष पश्चात् महाराष्ट्र में शिवसेना का एक भी MLA नहीं जीतता। मैं पूरी इमानदारी के साथ फिर से शिवसेना एवं एकनाथ शिंदे गुट को मिलाने की कोशिश करूंगा।
वही जब शिंदे गुवाहाटी में थे तभी मैंने यह कोशिश की थी। रामदास कदम ने कहा कि मेरे और मेरे बेटे का सियासी भविष्य बर्बाद करने की कोशिश की गई। किन्तु मैं अभी भी चुप हूं। मेरी क्या गलती है मेरे पास कई चीजें हैं। मैं नहीं बोलूंगा, यदि बोल दिया दो भूकंप आया जाएगा। रामदास कदम ने कहा कि मेरी कोशिशों को कामयाबी भी प्राप्त हुई थी। उस समय एकनाथ शिंदे ने कहा था कि उद्धव ठाकरे यदि NCP का साथ छोड़ते हैं तो हम सब वापस मातोश्री आ जाएंगे मगर मातोश्री में शरद पवार चले गए। उन्होंने वहां कुछ गुरु मंत्र दिया तथा उसके बाद यह सब आरम्भ हो गया। जो पूरे देश ने देखा।
रामदास कदम ने कहा कि मेरे जैसे इंसान पर कौन आरोप लगाएगा किसकी हिम्मत है। कौन अरविंद सावंत, कौन विनायक राऊत? उनकी मेरे सामने बोलने की हैसियत भी नहीं है। मैंने अपने जीवन के 52 वर्ष शिवसेना पार्टी को दिए हैं। कई मुकदमे अपने सर पर लिए हैं, जेल भी गया हूं। कदम ने कहा कि वर्ष 2005 में बाला साहेब ने मुझे बेलगांव भेजा था। वहां पर मेरे खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी। उस समय मुझे 10 लाख रुपये की जमानत भी लेनी पड़ी थी। यह इतना सब करने के पश्चात् ऐसे लोग मुझे पार्टी के प्रति निष्ठा का पाठ पढ़ाएंगे। रामदास कदम ने कहा कि मेरी आगे भी यही कोशिश रहेगी कि बाला साहेब की शिवसेना अभेद्य और अटूट रहे। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना बढ़े तथा फिर से भगवा लहराए। कदम ने कहा कि अब मैं महाराष्ट्र के बाहर दौरा करूंगा विशेष रूप से उन स्थानों पर जहां NCP अपने लिए जमीन तलाश कर रही है।
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