लखनऊ: इस समय यूपी विधानसभा का मानसून सत्र जारी है। आज गुरुवार को विधानसभा में अयोध्या में 12 साल की बच्ची के सामूहिक बलात्कार का मुद्दा गूंजा, जिसमे समाजवादी पार्टी (सपा) नेता मोईद खान और उसका नौकर राजू खान आरोपी है। इस मामले को लेकर सीएम योप्गी ने विधानसभा में समाजवादी पार्टी पर तीखा हमला बोला।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये घटना हल्के में छोड़ देने वाली नहीं है। इस वारदात में शामिल व्यक्ति फैजाबाद के सांसद (अवधेश प्रसाद) के साथ रहता है, सांसद की टीम का सदस्य है। फिर भी सपा ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की। आखिर, क्या मजबूरी थी ? योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, 'मैं यहां नौकरी करने नहीं आया हूं। मुझे यदि प्रतिष्ठा चाहिए होती तो अपने मठ में मिल जाती।'
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा कि, 'जो राज्य के व्यापारी और बेटी की सुरक्षा में सेंध लगाने का काम करते हैं, जो राज्य में अराजकता पैदा करके सामान्य लोगों का जीना हराम करते हैं, इसलिए मेरा दायित्व बनता है। विधानसभा में विपक्ष के हंगामे पर उन्होंने कहा कि मैं यहां नौकरी करने नहीं आया हूं, बिलकुल नहीं। मैं यहां इस बात के लिए आया हूं कि यदि वो गलत करेंगे तो भुगतेंगे। इसीलिए मैं यहां पर आया हूं। ये लड़ाई सामान्य लड़ाई नहीं है। ये कोई प्रतिष्ठा की लड़ाई भी नहीं है। मुझे प्रतिष्ठा चाहिए होती, तो अपने मठ में मिल जाती। उसकी कोई जरूरत नहीं है मुझे।'
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि, 'अयोध्या में एक 12 वर्षीय नाबालिग बालिका के साथ रेप की वारदात हुई। समाजवादी पार्टी का नेता मोईद खान इस कृत्य में शामिल पाया गया। वो अयोध्या के सांसद के साथ रहता है। उनके साथ उठता-बैठता, खाता-पीता है, उनकी टीम का सदस्य है। पार्टी ने उस पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की ? इस प्रकार की घटिया हरकत में वो लिप्त है, मगर फिर भी उसे हल्के में लेने का काम होता है।'
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