नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट आज फिर एक बार गुरुवार (16 मई) को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राहत देते हुए सामने आया है। देश की सर्वोच्च अदालत ने केजरीवाल के खिलाफ उनके चुनावी भाषणों को लेकर कार्रवाई की मांग करने वाली प्रवर्तन निदेशालय (ED) की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। दरअसल, ED ने कहा था कि केजरीवाल का यह दावा कि अगर लोगों ने इंडिया ब्लॉक को वोट दिया तो उन्हें "वापस जेल नहीं जाना पड़ेगा",, "सिस्टम के चेहरे पर तमाचा" है।
ED ने चुनाव प्रचार के दौरान केजरीवाल की उस टिप्पणी पर आपत्ति जताई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर 4 जून को लोकसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद इंडिया ब्लॉक सत्ता में आया तो वह 5 जून को तिहाड़ जेल से वापस आ जाएंगे। सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि "अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि अगर लोग आम आदमी पार्टी (AAP) को वोट देते हैं, तो फिर उन्हें 2 जून को जेल नहीं जाना पड़ेगा। अरविंद केजरीवाल ऐसा कैसे कह सकते हैं?” SG ने कहा कि, उनके खिलाफ सबूत हैं, आपने देखे हैं, लेकिन वो ऐसे दर्शा रहे हैं जैसे ये मामला राजनितिक है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, हम इसमें नहीं पड़ेंगे।
इस पर न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने कहा कि, "हम फैसले की आलोचना का स्वागत करते हैं। हम उस पर नहीं जाएंगे। हमारा आदेश स्पष्ट है कि उन्हें (केजरीवाल को) दो जून को आत्मसमर्पण करना होगा। यह शीर्ष अदालत का आदेश है और कानून का शासन इसी से संचालित होगा। हमने किसी के लिए अपवाद नहीं बनाया। उन्होंने क्या कहा, हम इसमें नहीं पड़ेंगे।" कथित दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किए गए अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, केजरीवाल को दो जून को आत्मसमर्पण कर वापस जेल जाना होगा। लेकिन वो चुनाव प्रचार में कह रहे हैं कि, अगर INDIA गठबंधन सत्ता में आया, तो वे (केजरीवाल) 5 जून को जेल से बाहर आ जाएंगे। अब सुप्रीम कोर्ट को इस पर कोई आपत्तिजनक नज़र नहीं आई है।
शीर्ष अदालत दिल्ली के मुख्यमंत्री की ईडी द्वारा मामले में उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। दिल्ली और हरियाणा में अपनी चुनावी रैलियों के दौरान, केजरीवाल ने भावनात्मक कार्ड खेला था, यह याद करते हुए कि कैसे उन्हें लोकसभा चुनाव से ठीक पहले गिरफ्तार किया गया था और तिहाड़ जेल में उनकी शुगर के लिए इंसुलिन की खुराक देने से इनकार कर दिया गया था। केजरीवाल कह रहे हैं, "मुझे 2 जून को वापस जेल जाना है। मैं 4 जून को जेल से नतीजे देखूंगा। अगर आप कड़ी मेहनत करते हैं और इंडिया ब्लॉक को जीत दिलाते हैं, तो मैं 5 जून को वापस आऊंगा।" हालाँकि, गौर करने वाली बात ये भी है कि, तिहाड़ जेल दिल्ली सरकार के अंतर्गत ही आती है, यानि केजरीवाल सरकार के आधीन। AAP नेता और पूर्व जेल मंत्री सत्येंद्र जैन का तिहाड़ में ही एक रेपिस्ट से मालिश करवाते हुए वीडियो वायरल हुआ था, खुद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने माना था कि केजरीवाल ने जेल में प्रसाद में आए हुए, आम, आलू पूरी और मिठाई खाए थे। लेकिन गौर कीजिए, उसी जेल में मालिश हो सकती है, वहीं आम आ सकते हैं, लेकिन केजरीवाल के लिए इन्सुलिन नहीं आ पाई ? क्या ये संभव है ?
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