भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार ने मदरसों में गैर-मुस्लिम बच्चों को बिना अनुमति के धार्मिक शिक्षा देने पर कड़ी कार्रवाई का फैसला लिया है। सख्त आदेश है कि, अगर कोई मदरसा ऐसा करता पाया गया, तो उसकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी। इसके पीछे का कारण हाल के उन मामलों का सामने आना है, जहां हिंदू बच्चों को मदरसों में पढ़ाया जा रहा था और फर्जी नामों से सरकारी सहायता ली जा रही थी।
भोपाल की हुजूर सीट से भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को इस निर्णय के लिए बधाई देते हुए कहा कि यह एक स्वागत योग्य कदम है। शर्मा ने कहा कि मदरसों में इस्लामी शिक्षा दी जा रही है, और यह सवाल उठाया कि ऐसे में अन्य धर्मों के बच्चों को वहां क्यों भेजा जाना चाहिए। उन्होंने फर्जी तरीके से सरकारी अनुदान लेने वाले मदरसों की जांच की मांग की और बिना अनुमति के सरकारी भूमि पर बने मदरसों को तोड़ने की भी बात कही। रामेश्वर शर्मा ने यह भी कहा कि अगर मदरसों से एपीजे अब्दुल कलाम जैसे लोग निकलते हैं, तो उनका स्वागत है, लेकिन अगर वहां से जाकिर नाईक जैसे लोग निकलते हैं, तो यह उन्मादी शिक्षा का संकेत हो सकता है। उन्होंने कहा कि मदरसों से आतंकवादी पैदा होने पर यह चिंता का विषय है, क्योंकि ये स्थान इस्लामीकरण और तालिबानीकरण के केंद्र बन गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मदरसों में एमपी बोर्ड या सीबीएसई बोर्ड का काम नहीं होता है और वहां बच्चों को इस्लामी शिक्षा देकर धर्मांतरण की साजिश हो सकती है।
मध्य प्रदेश में मदरसों को लेकर राज्य सरकार ने यह आदेश जारी किया है कि छात्रों का भौतिक सत्यापन किया जाए। अगर किसी मदरसे में फर्जी तरीके से गैर-मुस्लिम बच्चों या मुस्लिम बच्चों के नाम पाए जाते हैं या बच्चों को उनके अभिभावकों की अनुमति के बिना धार्मिक शिक्षा दी जा रही होती है, तो ऐसे मदरसों की मान्यता रद्द कर दी जाएगी।
रिटायर्ड बिजली कर्मचारियों को कैशलेस मेडिकल सुविधा का ऐलान, 20 हज़ार से अधिक लोगों को मिलेगा लाभ
नौकरी के बदले जमीन घोटाला..! लालू-तेजस्वी के खिलाफ राउज एवेन्यू कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला