लखनऊ : आजकल एक नया ट्रेंड चला है, बिना शादी किए दो विपरीत लिंगी बालिक लोगों का एक साथ रहना. परंतु यदि आप शादीशुदा हैं तो लिव इन रिलेशनशिप आपके लिए नहीं है. मॉर्डन जमाने में विदेशों की तरह भारत में भी लिव इन रिलेशनशिप का चलन काफी जोर पकड़ चुका है. बड़े महानगरों में दो विपरीत लिंग के लोग एक साथ पति पत्नी की तरह रहते हैं. शर्त यह है कि इन दोनों की उम्र कानूनी तौर पर मान्य हो, कई बार इस तरह के मामलों को लेकर समाज सेवी संस्थाएं न्यायलय की शरण में भी गई, जहां से इसको अनैतिक बताते हुए इस संबंध में कई दिशा निर्देश, आदेश जारी किए गए हैं.
जिसका फायदा उठाते हुए लोग खुलकर लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे हैं, परंतु शादीशुदा महिला अपने साथी के अलावा अन्य किसी पराए पुरुष के साथ लिव इन रिलेशनशिप में नहीं रह सकती. यह फैसला दिया है इलाहाबाद हाई कोर्ट ने. एक मामले की सुनवाई के दौरान एक शादीशुदा महिला ने अपने प्रेमी के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहते हुए संरक्षण देने की मांग की थी, जिसको कोर्ट ने इंकार कर दिया.
मिर्जापुर की एक महिला की शादी 30 मई 2016 को हुई थी. महिला का कहना था कि उसका विवाह उसकी मर्जी के बगैर जबरदस्ती करा दिया गया वह अपने पति के साथ नहीं रही. और 5 वर्षों से अपने प्रेमी के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही है परंतु कोर्ट ने इस मामले में किसी भी प्रकार का संरक्षण देने से इनकार कर दिया.