कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद और सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने शुक्रवार (20 अक्टूबर) को चेतावनी दी है कि अगर पश्चिम बंगाल को 31 अक्टूबर तक मनरेगा (MGNREGA) के बकाए पर केंद्र से उचित जवाब नहीं मिला, तो वे अपना विरोध प्रदर्शन तेज करेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी उनके आंदोलन के अगले चरण में हिस्सा लेंगी।
अभिषेक ने कहा कि, 'हम पांच दिनों तक सड़क पर थे। 9 अक्टूबर को राज्यपाल सीवी आनंद बोस को हमसे मिलने के लिए मजबूर किया गया। उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि 24 घंटे के भीतर वह पश्चिम बंगाल की इस वंचना पर केंद्र सरकार से बात करेंगे। राज्यपाल दिल्ली गए और मुझे एक ईमेल में सूचित किया कि उन्होंने इस मामले पर केंद्र के साथ चर्चा की है। चूंकि हमने दो साल तक इंतजार किया है, हम कुछ और दिनों तक इंतजार कर सकते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, अभिषेक बनर्जी ने मनरेगा कर्मियों से TMC को अगले साल 30 जून तक का समय देने का भी आग्रह किया और तब तक केंद्र सरकार से लोगों का वाजिब बकाया दिलाने का वादा किया। TMC के खिलाफ "डराने, धमकाने और जबरदस्ती की राजनीति करने" के लिए केंद्र की आलोचना करते हुए अभिषेक ने आगे आरोप लगाया कि चूंकि भाजपा 2021 के विधानसभा चुनावों में TMC को नहीं हरा सकी, इसलिए उसने " विरोध की आवाज को दबाने" के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का सहारा लिया है।
ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने कहा कि, "कई प्रयासों के बावजूद, नरेंद्र मोदी सरकार मुझे आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर नहीं कर सकी। पश्चिम बंगाल के लोग गवाह हैं कि कैसे मुझे बदनाम करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों और मीडिया का इस्तेमाल किया जा रहा था। लेकिन मैं अभी भी अपना सिर ऊंचा करके चलता हूं क्योंकि मैं बंगाल में पैदा हुआ हूं।"
बता दें कि, इस मुद्दे पर केंद्र सरकार ने कहा था कि उसने बंगाल सरकार द्वारा उसके निर्देशों का "अनुपालन न करने" के कारण धन जारी करना बंद कर दिया है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि, 'केंद्र सरकार के निर्देशों का पालन न करने के कारण मनरेगा 2005 की धारा 27 के प्रावधान के अनुसार, पश्चिम बंगाल राज्य का फंड 9 मार्च, 2022 से रोक दिया गया है।'
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