बैंगलोर: कर्नाटक में कांग्रेस सरकार पर भाजपा ने आरोप लगाया है कि वह छोटे सार्वजनिक निर्माण कार्यों के लिए मुस्लिम ठेकेदारों के लिए 4% आरक्षण देने की योजना बना रही है। हालांकि, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस आरोप को खारिज कर दिया और कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव सरकार के पास नहीं है, लेकिन मुस्लिम समुदाय ने इस तरह की मांग जरूर की है।
कांग्रेस के कई मुस्लिम विधायकों ने इस मांग को समुदाय के विकास के लिए महत्वपूर्ण बताया है। विधायकों ने मुख्यमंत्री को अपनी याचिका में आग्रह किया था कि एक करोड़ रुपये तक के सरकारी ठेकों में मुस्लिम ठेकेदारों के लिए आरक्षण दिया जाए, जैसा कि राज्य में अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए पहले से लागू है। विधायक रिजवान अरशद ने कहा कि ठेकेदारी क्षेत्र में मुख्य रूप से प्रमुख समुदायों और उच्च जातियों का वर्चस्व है। उन्होंने बताया कि जब कांग्रेस की सरकार 2013 से 2018 तक सत्ता में थी, तब 50 लाख रुपये तक के सरकारी ठेकों में एससी और एसटी के लिए 24% आरक्षण दिया गया था, जिसे 2023 में बढ़ाकर एक करोड़ रुपये तक कर दिया गया।
इस मांग का समर्थन करने वाले अन्य नेताओं में वक्फ मंत्री ज़मीर अहमद खान, नगर प्रशासन मंत्री रहीम खान, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव नसीर अहमद और विधायक तनवीर सैत शामिल हैं। मई 2023 में सत्ता में आने के बाद, सिद्धारमैया सरकार ने ओबीसी को भी छोटे सरकारी ठेकों में आरक्षण का लाभ देने का निर्णय लिया। एससी और एसटी को 24% आरक्षण के अलावा, ओबीसी श्रेणी-1 और श्रेणी-2ए के लिए क्रमशः 4% और 15% कोटा दिया गया है।
भाजपा ने इस प्रस्ताव पर आपत्ति जताई है, इसे तुष्टिकरण की राजनीति कहा है। विपक्ष के नेता आर अशोक ने सिद्धारमैया पर आरोप लगाया कि वह इस विवादास्पद प्रस्ताव से दूर रहने का प्रयास कर रहे हैं। दूसरी ओर, गृह मंत्री जी परमेश्वर ने बताया कि इस पर चर्चा के लिए संबंधित विभागों से विचार मांगा गया है और यह प्रस्ताव अभी कैबिनेट के पास विचाराधीन है।
कर्नाटक में मुस्लिम समुदाय को पहले से ही शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 2बी श्रेणी के तहत 4% आरक्षण प्राप्त है, साथ ही अल्पसंख्यक होने के नाते मुस्लिमों को अन्य लाभ भी मिलते हैं, जो SC/ST या OBC को नहीं मिलते, क्योंकि वे बहुसंख्यक (हिन्दू समुदाय) में गिने जाते हैं। इस तरह से देखा जाए तो मुस्लिम पक्ष को दोनों तरफ से फायदा है, अल्पसंख्यक होने का भी लाभ है और कांग्रेस सरकार आरक्षण के बाद ठेकेदारी में भी कोटा देने की तैयारी कर रही है। भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस इस कोटे को अन्य पिछड़ा वर्ग समूहों से छीनने की योजना बना रही है, हालांकि कांग्रेस ने इसे निराधार बताया।
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