छतरपुर: मध्य प्रदेश के छतरपुर में पुलिस थाने पर हुए पथराव के बाद पुलिस ने कड़ी कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी हाजी शहजाद अली की आलीशान हवेली को ध्वस्त कर दिया। इस घटना के बाद गिरफ्तार आरोपियों का सार्वजनिक जुलूस भी निकाला गया। बुलडोजर से कार्रवाई के इस कदम की आलोचना करते हुए कांग्रेस के नेताओं इमरान प्रतापगढ़ी और आरिफ मसूद ने इसे नियमों के खिलाफ बताया।
इमरान प्रतापगढ़ी ने सोशल मीडिया पर आरोप लगाया कि भाजपा सरकार मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव कर रही है और इस तरह की कार्रवाई से संविधान को कुचला जा रहा है। उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट में उठाने की तैयारी कर रहे हैं। इसके अलावा, आरिफ मसूद ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को एक पत्र लिखकर बिना नोटिस के मकान तोड़े जाने को न्याय के खिलाफ बताया और कांग्रेस नेताओं से इस मामले में आगे आने की अपील की। इमरान ने सोशल मीडिया पर लिखा कि, ''भाजपा सरकार की मुसलमानों के खिलाफ़ नफ़रत का एक और उदाहरण देखिये, मध्य प्रदेश के छतरपुर में मुख्यमंत्री के इशारे पर हाजी शहज़ाद के घर को ज़मींदोज़ कर दिया, नरेंद्र मोदी जी दुनिया भर में सबका साथ - सबका विकास का नारा लगाते फिर रहे हैं और उनकी राज्य सरकारें बहाना तलाश कर मुसलमानों का घर तोड़ रही हैं, संविधान की शपथ लेने वाली मोदी सरकार इस बुलडोज़र के नीचे हर दिन संविधान को कुचल रही है। जल्द ही इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाऊँगा।'' लेकिन क्या इन कांग्रेस नेताओं से एक सवाल ये नहीं पुछा जाना चाहिए था कि, थाने पर पथराव करना संविधान के किस पन्ने पर लिखा है ? जिसमे थाना प्रभारी और दो कांस्टेबल घायल हो गए। क्या आपने पथराव करने वालों के खिलाफ कोई शब्द कहा, यानी उपद्रवियों का पथराव सही है, लेकिन पुलिस की कार्रवाई गलत ?
वहीं, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि जो कानून का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ कानून सख्त कार्रवाई करेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि मध्य प्रदेश में शांति और सौहार्द बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है, और असामाजिक तत्वों से निपटने के लिए राज्य की पुलिस पूरी तरह सक्षम है।
'अपराध करना पाप है, पुलिस हमारा बाप है', छतरपुर में पत्थरबाजों का निकला जुलूस