पटना: बिहार के मुख्यमंत्री रहे जीतन राम मांझी ने हाल ही बड़ा बयान दिया जिसमे उन्होंने कहा कि, यदि उनकी सरकार आई तो बिहार में शराबबंदी समाप्त कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि शराबबंदी में जो बंदी हैं उनमें 80 फीसदी दलित हैं। ये वो लोग हैं जो एक पौआ पीकर शाम को घर जाते हैं। इन लोगों को इन्होंने जेल में बंद कर रखा है।
जीतन राम मांझी ने कहा, 500 रुपये कमाने वाला 2-3 हजार रुपये कहां से देगा। इसलिए वो जेल चला जाता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, आपका ये मद्य निषेध सही से नहीं चल रहा है। मेरी सरकार आएगी तो हम लोग या तो गुजरात की तर्ज पर शराबबंदी को लागू करेंगे या यूं ही छोड़ देंगे। वहीं, दलितों के नेता पूर्व सीएम जीतन राम मांझी 5 दिसंबर को दिल्ली के जंतर-मंतर में नीतीश कुमार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करेंगे। इसके साथ ही 24 दिसंबर को पटना के मिलर ग्राउंड में दलितों का महासम्मेलन बुला रहे हैं। इसके पीछे उनकी रणनीति नीतीश कुमार की भीम संसद को टक्कर देना है।
आपको बता दें कि इसी वर्ष 10 अक्टबूर को बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने पटना में भीम संसद रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। लोकसभा चुनाव के पहले दलित मतदाताओं को गोलबंद करने के लिए जदयू इस भीम संसद का आयोजन कर रही है। जदयू के अनुसार, भीम संसद रथ के जरिए महात्मा गांधी एवं बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के आदर्श, विचार एवं उनके द्वारा किये गए कार्यों से आम जनमानस को अवगत कराया जाएगा।
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