नई दिल्ली. अब तक तो रोजाना पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से आम आदमी ही परेशान हो रहा था लेकिन अब सिर्फ आम आदमी ही नहीं बल्कि पेट्रोलियम इंडस्ट्री के लिए भी ये एक बड़ी चुनौती बन गई है. पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमते अब बहुचर्चित Y2K बग जैसी तकनीकी चुनौती को अपना सामने खड़ा हुआ देख रही है. पेट्रोल के दाम पिछले एक महीने से लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं और अब ये दाम शतक लगा ले उससे पहले ही पेट्रोलियम इंडस्ट्री को इस चुनौती से निपटना होगा.
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इस चुनौती में असफल होने का मतलब है पेट्रोल पंप के डिस्पेंसिंग यूनिट (डीयू मीटर, जो दाम और तेल की मात्रा दिखाते हैं) काम करना बंद कर देंगे. यानी कि अगर पेट्रोल की कीमत 100 के पार चली जाती है तो पेट्रोल पम्प बंद हो जाएंगे. सूत्रों की माने तो सभी पेट्रोल पम्प पर जो डिस्पेंसिंग यूनिट लगे हैं उसमे रूपए 2 अंको में और पैसे भी 2 अंको के मुताबिक सेट किये जाते हैं. इस हिसाब से ये डिस्पेंसिंग यूनिट जो अधिकतम संख्या दिखा सकती है वो है 99.99 रुपए.
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ऐसे में अगर पेट्रोल की कीमत 100 रूपए हो जाती है तो डिस्पेंसिंग यूनिट में 0.00 रुपए दिखेगा. ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के चेयरमैन एम. प्रभाकर रेड्डी का इस बारे में कहना है कि 'सभी पेट्रोलियम कंपनियां आखिर समय पर जाग रही हैं. जब डिस्पेंसिंग यूनिट्स को डिजिटल बनाया गया था तब किसी ने इस बात को सोचा तक नहीं था कि कभी पेट्रोल के दाम 100 रूपए तक पहुंच जाएंगे. अब इसका सारा खामियाजा डीलर्स और उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ेगा क्योकि सिस्टम को अपग्रेड करने में थोड़ा समय लगेगा.'
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