नई दिल्ली: कांग्रेस ने बीते शनिवार को केंद्र सरकार से सवाल किया है कि 'वह क्यों चाहती है कि नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएं।' बीते शनिवार को कांग्रेस पार्टी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि, 'अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कृषि कानूनों को रद करने में सक्षम नहीं हैं तो उन्हें पद से हट जाना चाहिए।' जी दरअसल बीते शनिवार के दिन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने देश के राजनीतिक हालात और किसानों के मसले पर पार्टी के नेताओं और पदाधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक की।
इस दौरान ही कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने अपनी राय रखी। उनका कहना है, 'जनता ने सरकार को चुना है, सुप्रीम कोर्ट को नहीं। जनता के प्रति मोदी सरकार जवाबदेह है, सुप्रीम कोर्ट नहीं। कानून को बनाने और रद करने का अधिकार संसद को है अदालत को नहीं। अगर मोदी सरकार अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में असमर्थ है तो उसे इस्तीफा दे देना चाहिए, उसे एक मिनट भी सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है।' केवल यही नहीं बल्कि सुरजेवाला ने अपनी राय रखते हुए यह तक कहा कि, 'कांग्रेस 15 जनवरी को देशभर में किसान अधिकार दिवस मनाएगी। इस दौरान सभी राज्यों की राजधानियों में जन आंदोलन किया जाएगा और राजभवनों को घेरा जाएगा।' इसी के साथ आगे अपनी बातों को जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि, 'पार्टी के महासचिवों और राज्य प्रभारियों की बैठक में यह निर्णय किया गया।'
आप सभी को हम यह भी बता दें कि सोनिया गांधी के साथ वर्चुअल तरीके से हुई इस बैठक में कांग्रेस के कई नेता शामिल रहे। इस लिस्ट में कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, राजीव सतवाल, मानिकचंद टैगोर, तारिक अनवर, प्रियंका गांधी वाड्रा, जितिन प्रसाद, पवन बंसल, राजीव शुक्ला, भक्त चरण दास, अजय माकन पीएल पूनिया और अन्य कई लोगों के नाम शामिल हैं।
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