मुंबई: ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती पर शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता संजय निरुपम ने टिप्पणी करते हुए कहा कि राजनीति उनका क्षेत्र नहीं है तथा उन्हें इस पर टिप्पणी करने से बचना चाहिए। दरअसल, सोमवार को हुई शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती तथा उद्धव ठाकरे की मुलाकात के पश्चात् शंकराचार्य ने कहा कि उद्धव ठाकरे के साथ विश्वासघात हुआ है। इसी बयान पर संजय निरुपम ने प्रतिक्रिया दी है।
मंगलवार को संजय निरुपम ने मीडिया से कहा, "मैं शंकराचार्य से कहना चाहता हूं कि आप धर्म और अध्यात्म पर बोलते हैं तथा हमारा मार्गदर्शन करते हैं। आप हमारे धार्मिक गुरु हैं, लेकिन राजनीति पर मत बोलिए। यह उनका क्षेत्र नहीं है।" शंकराचार्य ने यह भी कहा था कि उद्धव ठाकरे को धोखा दिया गया है और कई लोग इससे परेशान हैं। उन्होंने कहा, "मैं उनके अनुरोध के अनुसार आज उनसे मिला और उनसे कहा कि जब तक वह (महाराष्ट्र) दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे, तब तक लोगों का दर्द कम नहीं होगा।"
गौरतलब है कि शंकराचार्य ने इस वर्ष के आरम्भ में अयोध्या में राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण ठुकरा दिया था। संजय निरुपम ने यह भी कहा कि उद्धव ठाकरे ही थे जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी से नाता तोड़ने के बाद कांग्रेस तथा अविभाजित एनसीपी के साथ गठबंधन किया था। पूर्व सांसद ने कहा, "वह विश्वासघात था। अगर यह विश्वासघात नहीं था तो यह किसी की महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए एक राजनीतिक फैसला था।" वहीं, संजय निरुपम की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा कि यदि किसी को शंकराचार्य की बात से आपत्ति है तो इसका मतलब है कि वह हिंदुत्व को स्वीकार नहीं करते हैं।
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