'अगर शहर के अंदर रावण की लंका है, तो वह MGM मेडिकल कॉलेज...', छात्र का छलका दर्द

'अगर शहर के अंदर रावण की लंका है, तो वह MGM मेडिकल कॉलेज...', छात्र का छलका दर्द
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इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर के शासकीय महात्मा गांधी मेमोरियल (MGM) मेडिकल कॉलेज में MBBS प्रथम वर्ष के छात्र के साथ कथित रैगिंग के मामले ने प्रशासन और पुलिस को सक्रिय कर दिया है। इस मामले में कलेक्टर द्वारा जांच के आदेश दिए गए हैं, तत्पश्चात, SDM एवं तहसीलदार की टीम ने कॉलेज पहुंचकर मामले की विस्तृत जांच शुरू की।

सोशल मीडिया पर खुलासा
यह मामला तब सामने आया जब 'प्लीज हेल्प मी' नामक एक सोशल मीडिया यूजर ने प्लेटफॉर्म 'X' पर पोस्ट के माध्यम से अपनी पीड़ा साझा की। खुद को एमबीबीएस प्रथम वर्ष का छात्र बताने वाले इस यूजर ने आरोप लगाया कि MGM मेडिकल कॉलेज के लड़कों के हॉस्टल में उसके साथ रैगिंग की गई। इस पोस्ट में छात्र ने लिखा कि रैगिंग के कारण वह गंभीर अवसाद का शिकार हो चुका है। उसने दावा किया कि पिछले तीन महीनों से उसे लगातार मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है, जिसके कारण वह आत्महत्या के विचार तक पहुंच गया है। छात्र ने अपनी पोस्ट में लिखा, "मैं बेबुनियाद आरोप नहीं लगा रहा हूं। मैं अपनी आपबीती साझा कर रहा हूं। अगर शहर के अंदर रावण की लंका है, तो वह एमजीएम मेडिकल कॉलेज का लड़कों का छात्रावास है, जहां न तो पुलिस का और न ही कॉलेज का नियंत्रण है." 

सीनियर्स पर गंभीर आरोप
पोस्ट में आरोप लगाया गया कि हॉस्टल में रहने वाले सीनियर छात्र अक्सर नशीली दवाएं लेकर देर रात तक जूनियर छात्रों को प्रताड़ित करते हैं। पीड़ित छात्र ने दावा किया कि सीनियर छात्रों ने उसे शारीरिक और मानसिक रूप से इतना परेशान किया कि वह मौत के करीब महसूस करने लगा।सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए छात्र ने मुख्यमंत्री मोहन यादव एवं पुलिस व प्रशासन के आला अधिकारियों को टैग कर मदद की गुहार लगाई है।

कॉलेज प्रशासन का बयान 
मामला सामने आने के पश्चात् MGM मेडिकल कॉलेज की एंटी रैगिंग कमेटी ने जांच शुरू कर दी। कॉलेज के प्रभारी डीन, डॉ. नीलेश दलाल ने बताया, "हमारी एंटी रैगिंग कमेटी मामले की गहन जांच कर रही है। हमने हॉस्टल में रहने वाले छात्रों के बयान भी दर्ज किए हैं। हालांकि, अभी तक किसी छात्र ने रैगिंग या मारपीट की शिकायत नहीं की है।" कॉलेज के लड़कों के हॉस्टल के चीफ वार्डन, डॉ. वीएस पाल ने कहा कि उन्हें हाल के दिनों में किसी भी छात्र ने रैगिंग की कोई शिकायत नहीं दी है।

वही जिला प्रशासन ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए तहकीकात आरम्भ कर दी है। उपमंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) निधि वर्मा ने बताया कि कॉलेज प्रशासन ने उन्हें जानकारी दी है कि लड़कों के हॉस्टल में MBBS प्रथम वर्ष के कुल 59 छात्र रह रहे हैं। वर्मा ने कहा, "हमने रैगिंग के आरोपों और हॉस्टल की व्यवस्था को लेकर इनमें से लगभग 50 छात्रों से बात की है।" जांच के चलते कुछ छात्रों ने हॉस्टल परिसर में सीसीटीवी कैमरे और सुरक्षा कर्मियों की पर्याप्त व्यवस्था न होने की शिकायत की। अधिकारियों ने बताया कि इन शिकायतों को भी जांच का हिस्सा बनाया गया है।

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