'अगर सिद्धारमैया की जांच हुई, तो बांग्लादेश जैसा हाल होगा..', कांग्रेस नेताओं की खुली धमकी

'अगर सिद्धारमैया की जांच हुई, तो बांग्लादेश जैसा हाल होगा..', कांग्रेस नेताओं की खुली धमकी
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बैंगलोर: पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से बेदखल करने के बाद से ही कांग्रेस और तमाम विपक्ष को शायद बांग्लादेश में हुई हिंसा की नकल करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अलोकतांत्रिक तरीके से सत्ता से हटाने का सपना आने लगा है। उनके बयानों से तो यही साबित होता है।  कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद, शिवसेना नेता संजय राउत के बाद अब कर्नाटक कांग्रेस के नेता और रोन विधायक जीएस पाटिल ने भी यही बात कही है। 

उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की शक्तियों में कटौती की गई तो भारत में भी बांग्लादेश जैसा ही आंदोलन शुरू हो जाएगा। गजेंद्रगढ़ में तालुक अहिंदा यूनियन द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन के दौरान ये विवादित बयान दिए गए। उन्होंने धमकी देते हुए कहा कि, "वह दिन दूर नहीं जब लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर धावा बोलेंगे, ठीक वैसे ही जैसे बांग्लादेश में हुआ था।"  कांग्रेस विधायक ने दावा किया कि मोदी सरकार गवर्नर के माध्यम से कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार को कमजोर करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पूंजीपतियों के हितों को आम जनता के हितों से अधिक प्राथमिकता दी जा रही है और दावा किया कि सिद्धारमैया का प्रशासन जनता के हित में है। उन्होंने कहा कि, "सिद्धारमैया ऐसी योजनाएं लागू कर रहे हैं जो राज्य में सभी समुदायों के विकास का समर्थन करती हैं।"

कांग्रेस विधायक ने आगे कहा कि गवर्नर ने पहले भाजपा और JDS के नेताओं के खिलाफ़ आरोपपत्र दाखिल होने के बावजूद उनके खिलाफ़ मुकदमा चलाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था, लेकिन अब एक कार्यकर्ता की शिकायत के आधार पर सिद्धारमैया के खिलाफ़ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। उन्होंने भाजपा नेतृत्व की भी आलोचना की और प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर देश को ख़तरनाक रास्ते पर ले जाने और देश में राजनीतिक अशांति पैदा करने का आरोप लगाया। इस बीच, भाजपा नेताओं ने कांग्रेस नेता के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। पार्टी के विजयपुरा लोकसभा सांसद रमेश जिगाजिनागी ने उनकी टिप्पणियों की निंदा की। उन्होंने कांग्रेस नेताओं की बुद्धिमत्ता और समझ की आलोचना की और उन पर जनता को धोखा देने का आरोप लगाया। उन्होंने तर्क दिया कि कांग्रेस प्रशासन राज्य के विकास में योगदान देने में विफल रहा है। इसके अलावा, उन्होंने जीएस पाटिल के दावे का मज़ाक उड़ाया और कहा कि कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व शासन की व्यावहारिकता से कटा हुआ है।

उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले राज्य के कांग्रेस MLC इवान डिसूजा ने राज्यपाल थावर चंद गहलोत को धमकी दी थी कि अगर उन्होंने (गवर्नर) मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की जांच के लिए दिए गए अपने निर्देश को वापस लेने से इनकार कर दिया तो उनका भी "बांग्लादेश जैसा हश्र" होगा। उन्होंने कहा था कि , "अगर राष्ट्रपति राज्यपाल को वापस भेजने में विफल रहते हैं, तो राज्यपाल कार्यालय को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री जैसी ही स्थिति का सामना करना पड़ेगा, जिन्हें रात के समय अचानक अपना पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था। हमारी अगली लड़ाई चलो राज्यपाल कार्यालय के नारे के साथ होगी।"

बता दें कि 17 अगस्त को कर्नाटक के गवर्नर थावर चंद गहलोत ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) द्वारा स्थानापन्न स्थानों के आवंटन में अनियमितताओं के बारे में सिद्धारमैया के खिलाफ जांच को अधिकृत और मंजूरी दी। सिद्धारमैया ने राज्यपाल के आदेश को कर्नाटक उच्च न्यायालय में चुनौती देकर जवाब दिया। उच्च न्यायालय ने ट्रायल कोर्ट को 29 अगस्त की सुनवाई तक मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई भी आगे की कार्रवाई करने से रोकने का आदेश दिया है। हालाँकि, इस बीच कांग्रेस नेताओं की धमकियां सामने आ रहीं हैं कि अगर सिद्धारमैया की जांच करवाई गई, तो भारत का हाल बांग्लादेश जैसा होगा और लोग पीएम आवास में घुसकर मोदी सरकार को उखाड़ फेंकेंगे।  

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