पटना: बिहार में जहरीली शराब पीकर मरने वालों का आँकड़ा बढ़कर 70 के आंकड़े को छू चूका है। इस बीच नेताओं की बयानबाजी का दौर भी जारी है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार के पश्चात् अब जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी शराब कांड पर बयान दिया है। मुआवजे की मांग पर उन्होंने जहरीली शराब पीकर मरने वालों की तुलना बम बनाने वालों से करते हुए पूछा है कि यदि बम बनाते समय किसी की मौत होती है तो क्या सरकार मुआवजा देती है?
वही इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी जहरीली शराब से मरने वालों पर बोला था कि दो 'जो नकली शराब पिएगा, वह तो मरेगा ही, लोगों को स्वयं ही सचेत रहना होगा।' नीतीश ने कहा था कि कुछ लोगों का क्या कर सकते हैं। कुछ लोग गलती करते ही हैं। जो शराब पिएगा वो तो मरेगा ही। आगे नीतीश कुमार ने बोला था कि जब बिहार में शराबबंदी नहीं थी, तब भी लोग नकली शराब पीकर मर जाते थे। यहां तक कि अन्य प्रदेशों में भी ऐसी घटनाएं होती हैं। लोगों को सचेत रहना चाहिए। बिहार में चूंकि शराबबंदी है, तो कुछ न कुछ नकली बिकेगा। इसे पीकर व्यक्तियों की मौत हो गई। नीतीश कुमार ने कहा था कि शराब बुरी आदत है। इसे नहीं पीना चाहिए।'
नीतीश कुमार ने कहा था, 'मैंने अफसरों को कहा है कि निर्धनों को न पकड़ें जो लोग इसका व्यवसाय कर रहे हैं उन्हें पकड़ें। शराब बंदी कानून से कई लोगों को लाभ हुआ है कई लोगों ने शराब छोड़ दी है। नीतीश ने अपील की कि कोई भी शराब से जुड़ा कारोबार न करे, और कोई बिजनेस करें, आवश्यकता पड़ी तो सरकार दूसरे बिजनेस के लिए 1 लाख रुपए तक देने के लिए तैयार है।' नीतीश कुमार ने बोला था कि जब पिछली बार लोग नकली शराब पीने से मरे थे, तब किसी ने बोला कि इन लोगों को सरकार मुआवजा दे। मगर यदि कोई शराब पीता है, तो वह मर जाएगा। इसका उदाहरण हमारे सामने है। इस पर शोक जताया जा सकता है। ऐसी जगहों पर जहां ये घटनाएं होती हैं, उनका दौरा किया जाना चाहिए तथा लोगों को समझाना चाहिए।
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