सूर्य का अधिकतम काल वह समय होता है जब सूर्य अपनी सबसे ज्यादा सक्रियता पर होता है। इस दौरान सूर्य से कई तरह की किरणें और कण निकलते हैं, जो पृथ्वी पर अलग-अलग असर डालते हैं।
सूर्य का 11 साल का चक्र: सूर्य का एक चक्र करीब 11 साल का होता है। इस चक्र के अंतर्गत सूर्य की गतिविधि कभी कम होती है, तो कभी ज्यादा। जब सूर्य की गतिविधि अपने चरम पर होती है, इसे "सूर्य का अधिकतम काल" कहा जाता है। इस समय सूर्य से निकलने वाली सौर ज्वालाएं, कोरोनल मास इजेक्शन (CME) और सौर हवा अधिक मात्रा में निकलती हैं।
सौर तूफान का असर: जब ये सौर ज्वालाएं और CME पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से टकराते हैं, तो भू-चुंबकीय तूफान पैदा होते हैं। ये तूफान बिजली के ग्रिड, संचार उपग्रहों और रेडियो संचार को प्रभावित कर सकते हैं। इन तूफानों से तकनीकी सेवाओं में रुकावट आ सकती है।
अरोरा का नजारा: सौर तूफानों के चलते ध्रुवीय क्षेत्रों में अरोरा यानी उत्तरी या दक्षिणी रोशनी देखने को मिलती है। यह खूबसूरत नजारा तब बनता है जब सौर कण पृथ्वी के वायुमंडल के साथ टकराते हैं और रंग-बिरंगी रोशनी पैदा करते हैं।
सौर विकिरण से नुकसान: सूर्य से निकलने वाली विकिरण उपग्रहों को नुकसान पहुंचा सकती है। यह विकिरण उपग्रहों के कामकाज पर बुरा असर डालती है, जिससे संचार और नेविगेशन सेवाओं में बाधा आ सकती है।
पृथ्वी के मौसम पर असर: कुछ वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार, सौर गतिविधि का असर पृथ्वी के मौसम पर भी पड़ सकता है, लेकिन इस पर और ज्यादा रिसर्च की जरूरत है। इसके अलावा, सौर गतिविधि का इंसानी स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है, हालांकि इसके बारे में पक्के तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता।
वैज्ञानिकों की नजर: वैज्ञानिक सूर्य की गतिविधि पर नजर रखते हैं ताकि वे सौर तूफानों के बारे में पहले से चेतावनी दे सकें। सौर वेधशालाएं सूर्य की गतिविधियों को लगातार मॉनिटर करती हैं और वैज्ञानिकों को समय पर जानकारी देती हैं।
अमिताभ बच्चन संग विद्या बालन ने किया डांस, शरमाए बिग बी
अमित शाह की मौजूदगी में विधायक-दल के नेता चुने गए सैनी, इस दिन लेंगे शपथ
कंफर्म हुआ ऐश्वर्या राय-अभिषेक बच्चन का तलाक! वीडियो देख चौंके लोग