कोच्ची: केरल के गवर्नर और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि यदि राज्य सरकार संविधान की भावना और सर्वोच्च न्यायालय फैसले के खिलाफ जाते हैं, तो वह विधानसभा की तरफ से पारित विधेयकों पर दस्तखत नहीं करेंगे। आरिफ खान का यह बयान ऐसे वक़्त में आया है, जब केरल विधानसभा में लगभग 11 विधयकों को पारित करने के लिए सत्र चल रहा है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उस प्रावधान में संशोधन के लिए एक बिल को लेकर किए गए सवाल के जवाब में, जो गवर्नर को राज्य की तरफ से संचालित विश्वविद्यालयों में वीसी नियुक्त करने का अधिकार देता है, खान ने कहा है कि, आपको लगता है कि मैं किसी भी ऐसे कानून पर दस्तखत करूंगा, जो सुप्रीम कोर्ट के फैसले की भावना के विरुद्ध है? निश्चित रूप से नहीं। उन्होंने आगे कहा कि, 'गवर्नर की तरफ से हस्ताक्षर किए जाने के बाद ही विधेयक कानून का रूप लेता है। मैं आपको बस यह कह रहा हूं कि मैं किसी भी चीज पर हस्ताक्षर न हीं करूंगा, जो संविधान के विरुद्ध जाता है, जो यूनिवर्सिटी की स्वायत्तता को खत्म करने की कोशिश करता है और जो विश्वविद्यालय में सरकारी दखल के लिए रास्ता खोलता है। मेरे लिए ऐसी किसी चीज पर दस्तखत करना संभव नहीं है।'
बता दें कि, गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री के निजी सचिव केके रागेश की पत्नी प्रिया वर्गीस की कन्नूर यूनिवर्सिटी में मलयालम एसोसिएट प्रोफेसर के तौर पर नियुक्ति पर रोक लगा दी थी। इसी के साथ उन्होंने यूनिवर्सिटी में भाई-भतीजावाद वाले कदम पर रोक लगा दी थी।
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