चंडीगढ़: पंजाब के अमृतसर जिले में इस्लामाबाद पुलिस स्टेशन पर हुए धमाके ने एक बार फिर राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस धमाके की जिम्मेदारी जर्मनी में बैठे गैंगस्टर जीवन फौजी ने ली है। हालांकि राहत की बात यह है कि इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, लेकिन यह घटना पुलिस और प्रशासन के लिए बेहद चिंताजनक है।
रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार की सुबह करीब 3 बजे इस्लामाबाद पुलिस स्टेशन में धमाके जैसी तेज आवाज सुनाई दी। पुलिस के अनुसार, स्टेशन पर मौजूद संतरी ने 3:00 से 3:15 बजे के बीच यह आवाज सुनी। अमृतसर के पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि धमाके के कारण किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। भुल्लर ने यह भी बताया कि सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने इस धमाके की जिम्मेदारी ली है। पुलिस ने इन दावों की जांच शुरू कर दी है।
भुल्लर ने कहा, "हमने पहले भी ऐसे मॉड्यूल को पकड़ा था, जिसमें 10 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी। इनमें से दो भाई शामिल थे, जिनमें से एक नाबालिग था। इसके अलावा अमन खोखर और कुछ अन्य लोग हमारे रडार पर हैं और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।" हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब पंजाब में पुलिस पर इस तरह का हमला हुआ हो। बीते एक महीने में यह चौथा धमाका है। इससे पहले अमृतसर की दो चौकियों और नवांशहर की एक पुलिस चौकी पर इसी तरह के बम धमाके हो चुके हैं। ये घटनाएं बताती हैं कि राज्य में पुलिस चौकियां तक सुरक्षित नहीं हैं। सवाल यह उठता है कि जब पुलिस और सुरक्षा बल खुद सुरक्षित नहीं हैं, तो आम जनता की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जा सकती है?
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल अक्सर कहते हैं कि अगर दिल्ली पुलिस उनके हाथ में दे दी जाए तो वे अपराध का नामोनिशान मिटा देंगे। लेकिन पंजाब में AAP की ही सरकार है, जहां भगवंत मान के नेतृत्व में राज्य की पुलिस काम कर रही है। ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि जब पंजाब में पुलिस थाने और चौकियां भी सुरक्षित नहीं हैं, तो दिल्ली जैसी बड़ी और महत्वपूर्ण राजधानी की पुलिस का जिम्मा केजरीवाल को कैसे सौंपा जा सकता है?
पंजाब में हाल के दिनों में खालिस्तानी चरमपंथियों की सक्रियता और गैंगस्टरों की हिम्मत बढ़ती जा रही है। ऐसे आरोप लग रहे हैं कि AAP सरकार राज्य में खालिस्तानी तत्वों को बढ़ावा दे रही है। हालात ये हैं कि गैंगस्टर और देश से बाहर बैठे अपराधी खुलेआम घटनाओं की जिम्मेदारी ले रहे हैं और राज्य की पुलिस असहाय नजर आ रही है।