नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध की वजह से कई भारतीय स्टूडेंट्स वापस वतन लौट आए हैं, जबकि अब भी कई वहीं फंसे हैं. यूक्रेन में जितने भी भारतीय छात्र फंसे हुए हैं, उनमें से ज्यादातर मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए वहां गए थे. यूक्रेन में फंसे भारतीयों को सुरक्षित वापस लाने की कोशिशें जारी है. इसके लिए भारत सरकार ने बड़े पैमाने पर बचाव अभियान शुरू किया है, जिसका नाम है ऑपरेशन गंगा (Operation Ganga) रखा गया है.
इस बीच युद्ध का मैदान बन चुके यूक्रेन से जो भारतीय स्टूडेंट्स वापस लौटे हैं, उनसे पीएम नरेंद्र मोदी ने बात की. पीएम मोदी ने छात्रों से भारत में मेडिकल एजुकेशन की स्थिति को लेकर चर्चा की. साथ ही पीएम मोदी ने उन छात्रों और परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की, जिन्होंने यूक्रेन से निकलने के दौरान आने वाली मुसीबतों की वजह से भारत सरकार के प्रति गुस्सा और आक्रोश जाहिर किया था. पीएम मोदी ने कहा कि ‘ऐसी मुसीबत की घड़ी में गुस्सा आना स्वभाविक है. जब उनका गुस्सा ठंडा होगा और वे हमारी कोशिशों को समझेंगे, तब वही लोग अपना प्यार भी जताएंगे.’
पीएम मोदी ने आगे कहा कि ‘यदि भारत में मेडिकल एजुकेशन की नीतियां पहले से सही होतीं, तो आप लोगों को पढ़ने के लिए दूसरे देश में नहीं जाना पड़ता. कोई भी माता-पिता अपने बच्चों को इतनी कम आयु में अपने से दूर विदेश नहीं भेजना चाहते.’ पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार पिछली गलतियों को सुधारने का काम कर रही है. ‘पहले देश में जहां 300 ले 400 मेडिकल कॉलेज हुआ करते थे, अब उनकी तादाद बढ़कर 700 के लगभग हो चुकी है. भारत में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ने से मेडिकल की सीटें भी बढ़ी हैं. पहले जहां 80 से 90 हजार सीटें थीं, अब वो लगभग 1.5 लाख हो चुकी है.’
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