नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के परिणाम स्पष्ट होने से पहले विपक्षियों ने अपने कार्यकर्ताओं को भड़काना आरम्भ कर दिया है। मतगणना वाले दिन से पहले मद्देनजर विरोधी दलों के नेताओं के अलग-अलग बयान सामने आए हैं जिसमें उकसाने का काम हो रहा है। किसी ने कार्यकर्ताओं से मतगणना वाले दिन सिर पर कफन बाँध कर आने को बोला है तो कोई बड़ी संख्या पर लोगों को वोटिंग सेंटर के बाहर खड़े होने को बोल रहा है।
ऑल इंडिया कॉन्ग्रेस कमेटी ने मतगणना से एक दिन पहले प्रेस रिलीज जारी करके अपने कार्यकर्ताओं से गिनती वाले दिन सतर्क रहने को बोला। उन्होंने कहा है कि कार्यकर्ता घर में बैठकर न्यूज चैनलों पर परिणाम न देखें बल्कि कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता जिला कांग्रेस के कार्यालयों एवं प्रदेशों में सुबह से पहुँचे। वहाँ देखते रहें कि यदि कुछ गड़बड़ हो तो रिकॉर्ड करके उसे तुरंत पार्टी द्वारा जारी नंबर पर भेजें। इतना ही नहीं कॉन्ग्रेस ने अपने कार्यकर्ताओ को ये आइडिया भी दिया कि गड़बड़ी होगी तो उन्हें उसे रोकना होगा। वोटिंग सेंटर के बाहर कार्यकर्ताओं की भीड़ खड़ी करके कांग्रेस कैसे हालात बदलना चाहते हैं ये समझना अधिक मुश्किल नहीं है। कांग्रेस के साथ इंडी गठबंधन का हिस्सा समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भी अपने भाषण में कार्यकर्ताओं को भड़काने का काम किया।
अखिलेश यादव का एक बयान वायरल हो रहा है जिसमें वह बोलते सुनाई पड़ते हैं- जनता इस बार गाँधीजी को याद करते हुए करो या मरो की तरह आंदोलित हो गई है और अपने और अपने देश को बचाने के लिए नया स्वतंत्रता आंदोलन लड़ने को तैयार बैठी हुई है। जनता स्वतंत्रता सेनानियों की भांति तैयार है क्योंकि बीजेपी काल में उनका जीवन तो वैसे ही दूभर हो गया है। देश का युवा फिर से सिर पर कफन बाँधकर कह रहा है- “मेरा रंग दे बसंती चोला।” इसी तरह से बिहार के पूर्णिया से चुनावी मैदान में खड़े पप्पू यादव ने अपने समर्थकों से कहा- “मतगणना के लिए पूरी तैयारी से आना, कफन बाँध कर आना, मरने के लिए आना… कल पूर्णिया सीट पर लोकतंत्र की हत्या हुई तो महाभारत का संग्राम होगा। पूर्णिया के कलेक्टर एवं एसपी मतगणना प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता के साथ करें, हम उन्हें पूरा सहयोग करेंगे, किन्तु लोकतंत्र को बचाने के लिए हमारा एक-एक कार्यकर्ता कफन बाँधकर तैयार है।”
उल्लेखनीय है कि मतगणना से पहले जिस प्रकार से इंडी गठबंधन के नेता इस प्रकार के बयान देते नजर आए उससे स्पष्ट पता चलता है कि वो अपने कार्यकर्ताओं को एक प्रकार से उकसा रहे हैं कि यदि परिणाम उनके पक्ष में नहीं आए तो वो हिंसा करें और हिंसा में जो भी अंजाम हो वो इसके लिए तैयार रहें। हम सब जानते हैं कि भीड़ को इकट्ठा करके उनसे हल्ला करवाने के कितने गंभीर नतीजे हो सकते हैं लेकिन कांग्रेस ऐसा कर रही है। उसने टीवी पर परिणाम देखने से अपने कार्यकर्ताओं को मना कर दिया है तथा मतगणना सेंटर पर बुलाया है जिससे कोई उपद्रव हो या कोई गुस्सा जाहिर करे तो सेंटर के बाहर सबके आगे करे। वे ये नहीं सोच रहे कि कार्यकर्ता हिंसक होने से गणना की प्रक्रिया बाधित हो सकती है। वहीं पप्पू यादव ने खुलेआम महाभारत की बात कही है। अखिलेश ने देश के युवाओं को इस चुनाव में सिर पर कफन बाँधकर बलिदान होने के लिए कह दिया है।
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