पटना: बीते कई दिनों से लगातार बाढ़ और कोरोना की मार से परेशान बिहार अपनी हिम्मत हारता जा रहा है. वहीं इन दिनों बिहार की राजधानी पटना के अस्पतालों की जो दुर्दशा देखने को मिल रही है, उसे देखकर फिलहाल यही सच्चाई दिखाई दे रही है. पटना में एक 70 साल का बुजुर्ग व्यक्ति की निजी लैब की जांच रिपोर्ट में कोरोना के संक्रमण पाए गए है, लेकिन किसी भी हॉस्पिटल ने उसे भर्ती करने से इंकार कर दिया.
बुजुर्ग को पटना के न्यू गार्डनर रोड हॉस्पिटल में जांच के लिए भेजा गया, लेकिन वहां सिर्फ एक तकनीशियन के भरोसे कई मरीज हैं. काफी जद्दोजहद के उपरांत किसी तरह उस मरीज का परिक्षण हुआ, लेकिन टेस्ट के बाद हॉस्पिटल में भर्ती को लेकर वही जद्दोजहद. मीडिया ने एम्स के मेडिकल स्टाफ से बात की तो उल्टा मेडिकल स्टाफ रिपोर्टर को ही डराने धमकाने लगे है.
पटना के बाहर कार में बैठे 70 साल के महेंद्र कुमार दिल के गंभीर मरीज हैं. एक निजी लैब की रिपोर्ट के अनुसार ये कोरोना के संक्रमण में हैं. एक तो दिल के मरीज हैं दूसरे निजी लैब की रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना पॉजिटिव, लेकिन एम्स समेत कोई हॉस्पिटल इन्हें भर्ती करने को तैयार नहीं क्योंकि जो रिपोर्ट ये दिखा रहे हैं उस पर हॉस्पिटल को विश्वास नहीं. एम्स के स्टाफ के निर्देश पर बुजुर्ग मरीज को फौरन पटना के सरकारी न्यू गार्डनर रोड हॉस्पिटल लाया गया. पटना में कोरोना जांच का ये एक मात्र सरकारी केंद्र है, लेकिन यहां इतनी लंबी लाइन कि देखकर ही हौसला लेने में असमर्थ है. इस बुजुर्ग मरीज के परिवार को भी टेस्ट के लिए इंतजार करते ढाई घंटे बीत गए, लेकिन प्रतीक्षा अंतहीन होती जा रही थी.
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