पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया के एक श्रमिक का कश्मीर के कुलगाम में दहशतगर्दों ने बृहस्पतिवार को क़त्ल कर दिया था। रविवार को मजदूर का शव पूर्णिया पहुंचा तो उसके पिता फफक पड़े। उन्होंने कहा कि मेरा बेटा दिलखुश 10 दिन पहले पंजाब से रोजगार के लिए कश्मीर गया था। वहां पर वो ईंट भट्ठा में कार्य करता था। उन्होंने बोला कि काश।।। बिहार में रोजगार होता तो मेरा बेटा मजदूरी के लिए बिहार से नहीं जाता।
दिलखुश पूर्णिया के जानकीनगर थाना इलाके के लादूगढ़ गांव का रहवासी था। दिलखुश के पिता नारायण ऋषि ने कहा कि 2 जून की रात नकाबपोश दहशतगर्दों ने मेरे बेटे का गोली मारकर क़त्ल कर दिया था। मामला रात 9 बजे का था तथा उस समय दिलखुश खाना बना रहा था। 3 दिनों के पश्चात् दिलखुश का शव रविवार को लादूगढ़ पहुंचा। शव के पहुंचते ही गांव में हंगामा मच गया। परिवार वाले एवं ग्रामीणों ने केंद्र सरकार से दहशतगर्दों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की। साथ ही रोजगार के लिए श्रमिकों के पलायन पर भी सवाल उठाए। नारायण ऋषि का कहना है कि यदि बिहार में रोजगार होता तो उनका बेटा कमाने के लिए कश्मीर नहीं गया होता। सरकार से मांग करते हैं कि दहशतगर्दों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें।
दिलखुश के साथ उसका भाई रोशन कुमार भी मजदूरी के लिए कश्मीर के कुलगाम गया था। क़त्ल के पश्चात् दिलखुश का शव लेकर लौटे रोशन कुमार ने कहा कि बृहस्पतिवार की रात लगभग 9 बजे दिलखुश ईंट भट्ठा पर खाना बना रहा था। तभी दो नकाबपोश आतंकवादी पहुंचे और दिलखुश के अतिरिक्त पंजाब के एक अन्य मजदूर को गोली मार दी, जिससे दिलखुश की मौत हो गई। रोशन ने बोला कि आतंकवादी वारदात की वजह से कश्मीर में बाहर से काम करने गए श्रमिकों में अब खौफ का माहौल है।
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