महामारी कोरोना के प्रारंभिक लक्षणों में रोगी को किसी वस्तु का स्वाद और गंध नहीं आना भी सम्मिलित है। इंदौर जिले 4 चिकित्सालय में एडमिट संक्रमितों में से 25 से 30 फीसद रोगियों ने डॉक्टरों को बताया कि उन्हें मीठे और नमकीन का स्वाद महसूस नही हो रहा है। फिर उन्होंने जांच कराया तो पता चला वे कोरोना से संक्रमित हैं। डॉक्टरों के मुताबिक इस वायरस का फेफड़ों के अलावा ग्रंथि पर भी प्रभाव पड़ता है. कोरोना वायरस स्वाद व गंध लेने की क्षमता पर असर करता है। इंदौर में आए रोगियों में इस प्रकार के लक्षण देखे जाना ताज्जुब की बात है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने विदेशी निवेशकों को दिया नए अवसरों में निवेश करने का न्योता
अरविंदो चिकित्सालय के डॉ. रवि डोसी के मुताबिक स्वाद व गंध न आने वाले रोगियों पर चिकित्सालय में अध्ययन की जा रही है. अभी तक बीस से तीस फीसद से मरीज पाए गए हैं. दस से पंद्रह दिन बाद सामान्य स्थिति हो रही है. जब इसका कारण जाना तो प्रारंभिक दौर में पता चल रहा है कि यह वायरस नसों के साथ ग्रंथियों को भी प्रभावित कर रहा है. इससे स्वाद व गंध लेने की शक्ति कम होती जाती है.
भारत में आई बाढ़ बनी लोगों की मौत का कारण, रूस के राष्ट्रपति ने जताया शोक
इसके अलावा चोइथराम चिकित्सालय के डॉ. गौरव गुप्ता ने कहा कि 18 से 20 प्रतिशत मरीजों ने समस्या बताई है. इन्फेक्शन के दौरान बॉडी में इंफ्रामेंटी सेल बढ़ जाती है. ब्लड सेल के माध्यम से हमारा बॉडी इस वायरस को रोकने की प्रयास करता है. यह एक वजह स्वाद व गंध की क्षमता कम होने या जानी की हो सकती है.
आज भी हिंदी सिनेमा के फर्स्ट कॉमेडी किंग है मेहमूद, हासिल की कई उपलब्धियों
मूंगफली के लिए स्कूल से निकाल दिए गए थे बाल गंगाधर तिलक, हमेशा सच्चाई की राह पर चले
कारगिल विजय दिवस : शहीद होने से पहले 'सुल्तान' ने लहराया था पहाड़ी पर तिरंगा