इंदौर: दुनियाभर में तीव्रता से बढ़ता जा रहा कोरोना वायरस का प्रकोप आज लोगों के जीवन का काल बन चुका है, हर दिन इस वायरस की चपेट में आने से हजारों लोग अपनी जान खो रहे है, रोजाना इस वायरस का संक्रमण बढ़ने से लोगों के बीच दहशत और डर का माहौल बढ़ता ही जा रहा है, बड़े से बड़े डॉक्टर्स और दुनियाभर के जाने माने वैज्ञानिक इस वायरस का तोड़ ढूंढ़ने में अपना कीमती समय लगा रहे है, लेकिन अब भी इसका कोई खास इलाज़ नहीं मिल पाया है. यदि हम बात करें अब तक हुई मौत के बारें में तो दुनियाभर में 2 लाख 58 हजार से अधिक जाने जा चुकी है.
ऐसा माना जा रहा है कि कोरोना का सबसे बड़ा असर तब होता है जब एक व्यक्ति का ह्यूमैनिटी सिस्टम कमजोर होता है, और यह खास कर नवजात बच्चों और अधिक उम्र वाले लोगों में होता है, लेकिन आज हम एक ऐसा उपाय बताने जा रहे है जिसके जरिये कोरोना वायरस से लड़ा जा सकता है, वैसे तो आमतौर पर सभी के घरों में शंख रहता है, वहीं इस शंख से हम सभी रोजाना भगवान की पूजा अर्चना भी करते है. और घर के कई शुभ कार्यों का आरंभ भी संख बजाकर करते है. हम बता दें कि शंख बजाने से फेफड़े में आक्सीजन बढ़ता है जिससे वह मजबूत होते है. यदि हम एक बार में सफल नहीं होते है तब भी हम कई बार प्रयास करते रहते है उसमें बार बार फुक मारते रहते है. यदि इसी तरह हम फूक मारते रहेंगे तो वह धीरे धीरे बजने लगेगा. और यदि हम सभी इस क्रिया को रोजाना सुबह शाम 15-20 बार 30 मिनट के लिए प्राणायाम करेंगे तो कोरोना जैसे बीमारी से निपटा जा सकता है.
चूँकि कोरोना मे बुखार आने के बाद निमोनिया होता है, निमोनिया फेफड़े को नुक़सान पहुँचाता है शरीर में आक्सीजन की कमी होने लगती है, और साँस लेने में परेशानी होती है धीरे धीरे अन्य अंगो पर भी इसका प्रभाव पड़ने लगता है. हाल ही में एक मंदिर के पुजारी में भी इस वायरस का संक्रमण पाया गया था जंहा उन्हें तीन चार दिन आक्सीजन लगाने के बाद हास्पिटल में डाक्टर ने फेफड़े मजबूत करने के लिये एक खिलौना दिया था जिसमें हर एक दो घण्टे मे 15-20 बार फुक मारकर हवा भरने के लिए कहा था. जिसके अंदर की तीन गेंद उछलती है. इससे उन्हें काफी आराम भी मिला और वह कुछ समय में ठीक हो गए.
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