यदि आपको भी है कब्ज की शिकायत तो आज से ही शुरू करें इसका सेवन

यदि आपको भी है कब्ज की शिकायत तो आज से ही शुरू करें इसका सेवन
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गलत खान-पान के कारण कब्ज की परेशानी और भी तेजी से बढ़ने लग जाती है. सर्दियों में अधिक गर्म चीजों का सेवन और कम पानी पीने से लोगों को कब्ज, गैस, एसिडिटी और अपच की परेशानी का सामना भी करना पड़ सकता है. कई बार घंटों पॉट पर बैठने के उपरांत भी पेट ठीक से साफ होने में दिक्कत होने लग जाती है. अगर आपको भी ऐसी ही परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. यदि आप कब्ज या बवासीर के मरीज हैं तो डाइट में ये एक फल जरूर शामिल कर लें . इसे दिन में एक बार खाने से आपका पेट बिल्कुल साफ होने लग जाएगा. ये फल फाइबर से भरा हुआ होता है और ये हेल्थ के लिए किसी वरदान की तरह कहा जाता है. जानिए कब्ज से राहत पाने के लिए कौन सा फल खाना चाहिए.

पुरानी से पुरानी कब्ज का खात्मा: इस फल में पुरानी से पुरानी कब्ज को भी ठीक करने के गुण पाए जाते है. इतना ही नहीं सर्दियों में मिलने वाले हरे और हल्के पीले रंग के अमरूद कब्ज और बवासीर के लिए फायदेमंद कहे जाते है. सुबह अमरूद खाने से मिनटों में पेट साफ होने लग जाता है. अमरूद पेट और पाचन के लिए बहुत अच्छा फल भी कहा जाता है. यदि आप हर रोज 1 अमरूद खाते हैं तो कब्ज की समस्या हमेशा ही दूर बनी रहेगी. 

अमरूद में काला नमक मिलाकर खाएं: फाइबर से भरपूर अमरूद बवासीर के लिए सबसे कारगर फल कहा जाता है. कब्ज के लिए सबसे लाभदायक फल कौन सा है? दिन में किसी भी समय एक पका हुआ अमरूद खाना चाहिए. आप अमरूद पर थोड़ा सा काला नमक लगाकर खाते है तो ये और भी अच्छी तरह से काम करता है. इससे अमरूद का स्वाद बहुत  बढ़ जाता है. अमरूद को पाचक फल माना जाता है. इसलिए जिनका पेट साफ नहीं रहता उन्हें अमरूद खाना चाहिए. हल्का पका हुआ अमरूद खाना अधिक लाभ दायक हो सकता है. 

अमरूद में सेब से ज्यादा गुण होते हैं:  इतना ही नहीं अमरूद खाने के फायदे इतने होते है कि कहा जाता है कि अमरूद में सेब से भी ज्यादा गुण होते हैं. सर्दियों में अमरूद को सबसे फायदेमंद फल भी बोला जाता है. अमरूद में विटामिन C भरपूर मात्रा में होता है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम भी करता है. आयरन की कमी होने पर अमरूद का सेवन करना बहुत अच्छा होता है. अमरूद में पोटैशियम, मैग्नीशियम और फाइबर होता है, जो रक्तचाप को नियंत्रित करता है और हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। कैलोरी में कम होने की वजह से अमरूद वजन घटाने में भी सहायता करता है. अमरूद डायबिटीज के मरीजों के लिए भी काफी फायदेमंद फल माना जाता है. कब्ज की वजह से कई तरह की बीमारियों का भी सामना करना पड़ सकता है, जिनमे से कुछ के बारें में आज हम आपको बताने वाले है, 

1. पाइल्स (बवासीर): कब्ज के कारण सबसे आम समस्या पाइल्स या बवासीर की हो सकती है। जब व्यक्ति को मल त्यागने में कठिनाई होती है, तो अधिक दबाव डालने पर गुदा मार्ग में सूजन और दर्द हो सकता है। इसके परिणामस्वरूप रक्तस्राव, खुजली, और गुदा में दर्द की समस्या उत्पन्न हो सकती है।

2. रेक्टल प्रोलैप्स (गुदा का बाहर निकलना): जब कब्ज की स्थिति लंबे समय तक रहती है, तो गुदा के अंदर की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं। इसके कारण रेक्टल प्रोलैप्स हो सकता है, जिसमें गुदा का हिस्सा बाहर की ओर निकल आता है। यह स्थिति दर्दनाक हो सकती है और मल त्याग में कठिनाई पैदा करती है।

3. क्रोनिक कोलाइटिस: कब्ज से कोलन (बड़ी आंत) में सूजन और जलन की समस्या हो सकती है। यह एक दीर्घकालिक बीमारी हो सकती है, जिसे क्रोनिक कोलाइटिस कहा जाता है। इसके लक्षणों में पेट में दर्द, दस्त, और मल त्याग में कठिनाई हो सकती है।

4. कैंसर (कोलन कैंसर): लंबे समय तक कब्ज रहने से कोलन (बड़ी आंत) में कैंसर होने का जोखिम बढ़ सकता है। कब्ज के कारण आंतों में मल का संचय होने लगता है, जिससे आंतों की कोशिकाओं में बदलाव हो सकते हैं और यह कैंसर का कारण बन सकता है। हालांकि यह निश्चित नहीं है कि कब्ज से कैंसर होगा, लेकिन यह एक जोखिम कारक हो सकता है।

5. गैस्ट्रिक समस्याएं: कब्ज की वजह से पेट में गैस का निर्माण बढ़ सकता है। जब आंतों में मल का संचय होता है, तो यह गैस और ऐसिड का उत्पादन बढ़ाता है, जिससे पेट में जलन, भारीपन, और अपच जैसी समस्याएँ हो सकती हैं।

6. लिवर समस्याएं: कब्ज की स्थिति से लिवर पर भी बुरा असर पड़ सकता है। आंतों में मल के संग्रह के कारण रक्त संचार में रुकावट हो सकती है, जिससे लिवर की कार्यप्रणाली पर असर पड़ सकता है। इससे लिवर संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।

7. किडनी की समस्याएं: कब्ज के कारण शरीर में विषाक्त पदार्थों का जमाव हो सकता है, जिससे किडनी पर दबाव पड़ सकता है। यह किडनी की कार्यप्रणाली को प्रभावित कर सकता है और लंबे समय में किडनी की बीमारियों का कारण बन सकता है।

8. हृदय रोग: कब्ज की स्थिति में अधिक दबाव डालने से हृदय पर भी दबाव बढ़ सकता है, खासकर उन लोगों में जिन्हें पहले से ही हृदय रोग की समस्या है। यह रक्तचाप बढ़ा सकता है और हृदय के अन्य रोगों का कारण बन सकता है।

9. गैस और पेट में सूजन: कब्ज के कारण पेट में गैस और सूजन की समस्या बढ़ सकती है। मल का सही तरीके से त्याग न होने पर, आंतों में हवा और गैस का निर्माण हो सकता है, जिससे पेट में ऐंठन और सूजन का अनुभव होता है।

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