बच्चे के जन्म के बाद पेरेंट्स अक्सर उनकी हाइट को लेकर चिंतित रहते हैं। भारत में बहुत से माता-पिता अपने बच्चों को लंबा बनाने के लिए लटकने वाली एक्सरसाइज कराते हैं। हालांकि, कुछ लोगों की लंबाई अपेक्षित नहीं बढ़ती, जिससे उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। विशेषकर, शादी के लिए रिजेक्ट होना एक बड़ा मुद्दा हो सकता है।
भारत में औसत लंबाई और सर्जरी की बढ़ती लोकप्रियता
जर्नल ऑफ फेमिली मेडिसिन एंड प्राइमरी केयर की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय पुरुषों की औसत लंबाई 1.64 मीटर (5 फीट 4.9 इंच) और महिलाओं की औसत लंबाई 1.52 मीटर (5 फीट 0.05 इंच) है। लंबाई बढ़ाने के लिए अब लोग लिम्ब लेंथनिंग सर्जरी का सहारा ले रहे हैं, जो कि एक बढ़ती हुई प्रवृत्ति है।
लिम्ब लेंथनिंग सर्जरी क्या है?
गुरुग्राम के नारायणा हॉस्पिटल के ऑर्थोपेडिक कंसल्टेंट डॉ. हेमंत बंसल बताते हैं कि लंबाई बढ़ाने के लिए लिम्ब लेंथनिंग सर्जरी की जाती है। यह सर्जरी उन लोगों के लिए है जिनकी लंबाई चोट, जन्म से किसी अंग में कमी या आनुवंशिक कारणों से कम रह गई है। अब छोटी लंबाई वाले लोग भी इस सर्जरी को अपनाने लगे हैं।
सर्जरी की प्रक्रिया
सर्जरी के दौरान, आमतौर पर पैर की हड्डियों को काटा जाता है। इसके बाद एक विशेष उपकरण, जिसे एक्सटर्नल फिक्सेटर कहा जाता है, का उपयोग करके हड्डी के दोनों हिस्सों के बीच धीरे-धीरे खिंचाव पैदा किया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान हड्डी के बीच एक नई हड्डी बनती है, जिसे ऑस्टियोजेनेसिस कहते हैं। हड्डी के जुड़ने और मजबूत होने में कई महीने लग सकते हैं। सर्जरी के बाद, नियमित फिजिकल थेरेपी और फॉलो-अप की आवश्यकता होती है।
लंबाई में कितना फर्क आ सकता है?
लिम्ब लेंथनिंग सर्जरी से आमतौर पर 5 से 8 सेंटीमीटर (लगभग 2 से 3 इंच) तक लंबाई बढ़ाई जा सकती है। कुछ मामलों में, इससे भी अधिक लंबाई बढ़ने की संभावना होती है। इस सर्जरी का उद्देश्य न केवल लंबाई बढ़ाना होता है, बल्कि शरीर के अंगों के बीच असमानता को भी ठीक करना होता है।
खर्च और जोखिम
इस सर्जरी का खर्च कम से कम 2 लाख रुपए होता है। यह महंगा प्रोसेस होता है, और अगर दोबारा सर्जरी की जरूरत पड़े तो एक साल का समय लग सकता है। सर्जरी के दौरान और बाद में कुछ जोखिम भी होते हैं, जैसे संक्रमण, हड्डी का न जुड़ना, मांसपेशियों और तंत्रिकाओं को नुकसान पहुंचना।
सर्जरी के बाद, मरीजों को दर्द, सुन्नपन, कमजोरी और मांसपेशियों में जकड़न का सामना करना पड़ सकता है। इन समस्याओं से बचने के लिए नियमित फिजियोथेरेपी, उपकरणों की साफ-सफाई और डॉक्टर के संपर्क में रहना जरूरी है। लंबाई बढ़ाने के लिए लिम्ब लेंथनिंग सर्जरी एक विकल्प हो सकता है, लेकिन इसे अपनाने से पहले इसके लाभ और जोखिम दोनों पर विचार करना चाहिए। यह सर्जरी उन लोगों के लिए है जो शारीरिक और सामाजिक दबाव से जूझ रहे हैं और अपनी लंबाई बढ़ाना चाहते हैं।
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