मीट का टेस्ट लोगों को इतना लुभाता है कि वे इसे नियमित रूप से खाना पसंद करते हैं। हालांकि, मीट में प्रोटीन, विटामिन्स और मिनरल्स जैसे आवश्यक पोषक तत्व होते हैं, लेकिन अत्यधिक मीट का सेवन गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है। अध्ययनों ने यह साबित किया है कि बहुत अधिक मीट खाने से गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, जिनमें से एक कोलन कैंसर है। विशेष रूप से रेड मीट का सेवन कोलन कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है।
रेड मीट और कोलन कैंसर
बड़े जानवरों का मांस, जिसे आमतौर पर रेड मीट कहा जाता है, कोलन कैंसर के जोखिम को सबसे अधिक बढ़ाता है। इसका सेवन डाइजेशन में समस्याएं उत्पन्न कर सकता है, जैसे पेट दर्द, कब्ज, उल्टी और दस्त, जो लंबे समय तक होने पर कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं।
रिसर्च के परिणाम
फ्रेड हच कैंसर सेंटर के अनुसंधान ने दिखाया है कि लगातार रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट का सेवन कोलन कैंसर के जोखिम को सबसे अधिक बढ़ाता है। अमेरिका में, 2024 में लगभग डेढ़ लाख लोगों में कोलन कैंसर का निदान हुआ है।
कोलन कैंसर: एक परिचय
कोलन कैंसर तब होता है जब कोलन में पॉलिप्स बन जाते हैं। यह कैंसर आमतौर पर 10 साल की अवधि में विकसित होता है और 50 वर्ष के ऊपर के लोगों में अधिक होता है, हालांकि अब कम उम्र के लोग भी इससे प्रभावित हो रहे हैं। लंबे समय तक कोलन में सूजन की वजह से आंतों की दीवारों में रिप्लेसमेंट होती है, जिससे कैंसर वाले सेल्स विकसित हो जाते हैं।
कोलन कैंसर के लक्षण
कोलन कैंसर की समय पर पहचान से इलाज आसान हो सकता है। इसके सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
बाउल मूवमेंट में बदलाव
कब्ज, दस्त या पेट साफ न होना
शौच के बाद भी असहजता महसूस होना
स्टूल में खून आना
पेट में लगातार दर्द
थकान और वजन कम होना
एनीमिया और कमजोरी
इन लक्षणों का अर्थ हमेशा कोलन कैंसर नहीं होता, लेकिन ये कोलन कैंसर के संभावित संकेत हो सकते हैं।
रेड मीट और डायबिटीज का खतरा
रेड मीट केवल कोलन कैंसर ही नहीं, बल्कि डायबिटीज का खतरा भी बढ़ाता है। प्रोसेस्ड या अनप्रोसेस्ड रेड मीट का सेवन डायबिटीज के जोखिम को बढ़ाता है। अध्ययनों के अनुसार, प्रोसेस्ड रेड मीट से 46% और अनप्रोसेस्ड रेड मीट से 24% डायबिटीज का खतरा होता है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव
रेड मीट के नियमित सेवन से अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं:
कोर्डियोवस्कुलर हेल्थ: रेड मीट दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ाता है।
कोलेस्ट्रॉल और मोटापा: नियमित रेड मीट का सेवन कोलेस्ट्रॉल और मोटापे को बढ़ा सकता है।
डाइजेशन: यह डाइजेशन से जुड़ी समस्याओं को पैदा करता है, जैसे पाचन में कठिनाई और अनडाइजेस्टेड फूड, जो कैंसर का कारण बन सकता है।
इसलिए, स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए मीट के सेवन में संतुलन बनाए रखना और अधिकतर पौधों आधारित आहार को शामिल करना महत्वपूर्ण है।
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