अगर आप हर महीने पीरियड क्रैम्प से परेशान रहती हैं तो दवा लेने की बजाय इस योगासन को करना चाहिए

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मासिक धर्म के दौरान ऐंठन, जिसे वैज्ञानिक रूप से डिसमेनोरिया के रूप में जाना जाता है, मासिक धर्म वाले व्यक्तियों में एक आम समस्या है। ये ऐंठन गर्भाशय के संकुचन के कारण होती है क्योंकि मासिक धर्म के दौरान शरीर अपनी गर्भाशय की परत को बहा देता है। कई लोगों के लिए, यह असुविधा गंभीर और विघटनकारी हो सकती है, जिससे प्रभावी राहत के तरीकों की तलाश होती है।

योग के लाभ

योग, भारत से उत्पन्न एक प्राचीन अभ्यास है, जो विभिन्न आसन प्रदान करता है जो प्राकृतिक रूप से मासिक धर्म की ऐंठन को कम करने में मदद कर सकते हैं। दवाओं के विपरीत, योग आसन कोमल खिंचाव, श्वास तकनीक और विश्राम पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जो समय के साथ दर्द और परेशानी को काफी कम कर सकते हैं।

अनुशंसित योग आसन: सुप्त बद्ध कोणासन

सुप्त बद्ध कोणासन क्या है?

सुप्त बद्ध कोणासन, जिसे रिक्लाइनिंग बाउंड एंगल पोज़ के नाम से भी जाना जाता है, मासिक धर्म के दौरान होने वाली ऐंठन से राहत दिलाने में विशेष रूप से लाभकारी है। यह आसन श्रोणि क्षेत्र को खोलता है, रक्त परिसंचरण को बढ़ाता है और पेट की मांसपेशियों को आराम देता है, जिससे मासिक धर्म से जुड़े दर्द में आराम मिलता है।

सुप्त बद्ध कोणासन कैसे करें

  1. तैयारी: एक शांत, आरामदायक स्थान ढूंढें और योग मैट पर लेट जाएं।

  2. प्रारंभिक स्थिति: अपने पैरों को सामने की ओर फैलाकर सीधे बैठ जाएं।

  3. अपने घुटनों को मोड़ें: धीरे-धीरे अपने घुटनों को मोड़ें और अपने पैरों के तलवों को एक साथ लाएं, जिससे आपके घुटने धीरे-धीरे बगल में आ जाएं।

  4. फर्श पर लेटें: धीरे-धीरे पीछे की ओर झुकें, अपनी कोहनियों और अग्रभुजाओं का सहारा लेते हुए तब तक झुकें जब तक कि आपकी पीठ आराम से चटाई पर न टिक जाए।

  5. आराम करें और सांस लें: अपनी आँखें बंद करें और गहरी, धीमी सांस लें। अपने श्रोणि क्षेत्र को आराम देने और अपने पेट में किसी भी तनाव को दूर करने पर ध्यान केंद्रित करें।

  6. आसन में बने रहें: सुप्त बद्ध कोणासन में 5-10 मिनट तक बने रहें, या जब तक आरामदायक और लाभकारी महसूस हो।

अतिरिक्त सुझाव

  • सहारा का उपयोग करें: अतिरिक्त सहारे और आराम के लिए अपने घुटनों और सिर के नीचे तकिए या मुड़े हुए कम्बल रखें।

  • नियमित रूप से अभ्यास करें: नियमितता महत्वपूर्ण है। सुप्त बद्ध कोणासन को अपनी दिनचर्या में शामिल करें, खासकर मासिक धर्म के दौरान, ताकि इसके पूर्ण लाभ का अनुभव किया जा सके।

  • श्वास के साथ संयोजन: गहरी श्वास (प्राणायाम) तकनीकें जैसे कि डायाफ्रामिक श्वास या वैकल्पिक नासिका श्वास इस मुद्रा के विश्राम और दर्द निवारक प्रभावों को बढ़ा सकती हैं।

योग का अभ्यास करके, विशेष रूप से सुप्त बद्ध कोणासन, मासिक धर्म की ऐंठन का अनुभव करने वाले व्यक्ति दवा पर निर्भर हुए बिना प्राकृतिक राहत पा सकते हैं। यह सौम्य लेकिन प्रभावी योग मुद्रा मासिक धर्म की असुविधा को प्रबंधित करने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करती है, जो शारीरिक और भावनात्मक दोनों तरह से कल्याण को बढ़ावा देती है।

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