कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गुरुवार को कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में टीएमसी पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं की बैठक में शामिल हुईं थीं। इस दौरान तृणमूल कांग्रेस (TMC) सुप्रीमो ने अपने भाषण में भाजपा पर हमला बोला। ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी को धमकी देते हुए कहा कि, 'अगर वे हमारे चार नेताओं को गिरफ्तार करेंगे, तो हम उनके आठ नेताओं को गिरफ्तार करेंगे।'
भ्रष्टाचार के विभिन्न मामलों में केंद्रीय एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार किए गए अपनी पार्टी (TMC) के नेताओं का बचाव करते हुए, ममता बनर्जी ने कहा कि, 'मैं नहीं मानती कि वे चोर हैं। हमारे चार विधायकों को जेल भेज दिया गया है। उन्हें लगता है कि ऐसा करके वे हमारी संख्या कम कर सकेंगे। मैं यहां से यह घोषणा कर रही हूं कि अगर वे हमारे चार नेताओं को गिरफ्तार करेंगे, तो हम उनके आठ नेताओं को गिरफ्तार करेंगे।' ममता बनर्जी ने आगे कहा कि, 'आप हमारी पार्टी के नेताओं अनुब्रत मंडल, पार्थ चटर्जी, माणिक भट्टाचार्य, ज्योति प्रिया मल्लिक और अन्य लोगों के रूप में हंस रहे हैं जो जेल में हैं। भविष्य में, जब आपके पास शक्ति नहीं होगी, तो आप जेल में होंगे।'
बता दें कि, अक्टूबर 2023 में, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राशन वितरण घोटाले के संबंध में TMC मंत्री ज्योति प्रिया मलिक को गिरफ्तार किया था। इससे पहले गत वर्ष, केंद्रीय एजेंसियों ने शिक्षक भर्ती घोटाले में मंत्री पार्थ चटर्जी, पार्टी विधायकों माणिक भट्टाचार्य और जीबन कृष्ण साहा को गिरफ्तार किया था। इसके अलावा, प्रमुख TMC नेता अनुब्रत मंडल, गौतस्करी मामले में कथित संलिप्तता के कारण वर्तमान में तिहाड़ जेल में बंद हैं। साथ ही बंगाल में नगर निगम भर्ती घोटाला, कोयला घोटाला मामले में जांच चल ही रही है, जिसमे मुख्यमंत्री ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी भी घिरे हुए हैं और उनसे ED पूछताछ भी कर चुकी है। ऐसे में जांच एजेंसियों और केंद्र सरकार पर ममता बनर्जी का गुस्सा फूट पड़ा है।
इस दौरान ममता बनर्जी, विपक्षी दलों के INDIA गठबंधन में अपने सहयोगियों का बचाव भी करने लगीं। गठबंधन में आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल और राजस्थान के मुख्यमंत्री कांग्रेस नेता अशोक गहलोत शामिल हैं। ममता ने कहा कि, ''आपको ऐसा लगता है कि आप कुछ भी करेंगे क्योंकि आप केंद्र में सत्ता में हैं। आप जो TMC, अरविंद केजरीवाल और अशोक गहलोत के बेटे के खिलाफ कर रहे हैं, वही हश्र आपका होगा। ये वही अधिकारी होंगे, जो आपके सत्ता से बाहर होने के बाद आपके पीछे आएंगे।'
बंगाल सीएम ने दावा किया कि लोकसभा चुनाव करीब आने पर केंद्र सरकार के अगले तीन महीने तक रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि सरकार उसके बाद जारी नहीं रहेगी, क्योंकि मोदी सरकार चुनाव हार जाएगी। उन्होंने कहा कि, 'वर्तमान में विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने वाली केंद्रीय एजेंसियां 2024 के चुनावों के बाद भाजपा के पीछे चले जाएंगी, केंद्र में यह सरकार तीन महीने और रहेगी।' ममता बनर्जी ने सुझाव दिया कि मवेशियों और कोयला तस्करी की घटनाओं पर अंकुश लगाने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है, क्योंकि इसकी एजेंसियां सूखे ईंधन के उत्पादन और सुरक्षित भंडारण के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा की रक्षा के लिए जवाबदेह हैं।
विशेष रूप से, टीएमसी के विभिन्न नेताओं को कोयला और मवेशी तस्करी में उनकी कथित संलिप्तता के संबंध में केंद्रीय एजेंसियों के आरोपों का सामना करना पड़ा है। कोयला घोटाले के बारे में प्रवर्तन निदेशालय ने TMC के दूसरे नंबर के नेता और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी और उनके परिवार के सदस्यों से पूछताछ की है। बनर्जी ने संकेत दिया कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार का लक्ष्य आरक्षण को खत्म करना है, और उन्होंने ऐसी किसी भी पहल का विरोध किया। उन्होंने कहा कि, ''भाजपा भी अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण के खिलाफ है, लेकिन हम उन्हें ओबीसी कोटा के जरिए इस व्यवस्था के तहत लाएंगे।''
बंगाल में OBC आरक्षण पर बड़ा खेल :-
बता दें कि, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) ने विगत 25 फरवरी को पश्चिम बंगाल की यात्रा की थी, जिसमे खुद बंगाल सरकार की संस्था कल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट (CRI) की रिपोर्ट से पता चला था कि ममता सरकार ने कई मुस्लिम जातियों को भी OBC की सूची में शामिल कर दिया है। पिछड़ा आयोग के इस दौरे में यह भी पता चला है कि बंगाल सरकार ने OBC की लिस्ट में कुल 179 जातियों को शामिल किया है, जिसमे से 118 जातियाँ अकेले मुस्लिमों की है। जबकि, हिंदुओं की महज 61 जातियों को ही OBC की सूची में जगह दी गई है। इसको लेकर NCBC के राष्ट्रीय अध्यक्ष हंसराज अहीर ने कहा है कि पश्चिम बंगाल की कुल जनसँख्या में से 70% हिंदू हैं और 27% मुस्लिम। इसके बाद भी बड़ी तादाद में मुस्लिम जातियों को OBC की सूची में जगह दे दी गई है। अहीर ने ये भी कहा था कि, इसी की आड़ में बंगाल में बड़ी तादाद में पिछड़े हिन्दुओं का धर्मान्तरण किया जा रहा है।
बंगाल में बड़ा खेल
— Navneet Mishra (@navneetmishra99) June 13, 2023
179 OBC जातियों की सूची में 118 मुस्लिम जातियों को डाला।70 %हिंदू आबादी वाले राज्य में रिकॉर्ड 91.5% आरक्षण लेने में सफल रहीं मुस्लिम जातियां।हिंदू पिछड़ों को सिर्फ 8 % का आरक्षण मिला।पिछड़ा आयोग की चौंकाने वाली रिपोर्ट।रोहिंग्या के भी लिस्ट में होने की आशंका pic.twitter.com/wpWiBXOmDR
NCBC अध्यक्ष हंसराज अहीर ने यह भी कहा था कि इस दौरे में पिछड़ा आयोग ने पाया कि 2011 से पहले बंगाल में OBC की 108 जातियाँ हुआ करती थीं। मगर, इसके बाद इसमें 71 जातियों को और शामिल किया गया। इन 71 में से 66 जातियाँ अकेले मुस्लिमों की थी। वहीं, हिंदुओं की महज 5 जातियों को ही OBC आरक्षण का लाभ देने के लिए इस सूची में जगह मिल पाई। आयोग को लगता है कि बंगाल सरकार की संस्था CRI की गलत रिपोर्ट के कारण, मुस्लिम जातियों को OBC सूची में शामिल किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में OBC आरक्षण को दो हिस्सों में विभाजित किया गया है। इसमें कुल 179 जातियों को OBC लिस्ट में शामिल किया गया है। इसमें A वर्ग में अति पिछड़ों को रखा गया है। इसमें 89 में से 73 मुस्लिम और केवल 8 हिंदू जातियां हैं। वहीं B श्रेणी में पिछड़ी जातियों को रखा गया है, इसकी सूची में कुल 98 जातियां है, जिसमें 53 हिंदू और 45 मुस्लिम जातियां हैं। यानी बंगाल में कुल 179 पिछड़ी जातियों में से 118 जातियां तो मुस्लिमों की ही है, बाकी 61 पिछड़ी जातियां हिन्दुओं की है। इससे सवाल उठने लगा है कि, जिस इस्लाम में जातिवाद न होने का दावा किया जाता है, वो भारत में अति पिछड़ी जाति श्रेणी में हिन्दुओं (8) से भी अधिक पिछड़े (मुस्लिम 73) कैसे हो गए हैं ? क्या ये लाभ उन्हें और रोहिंग्या-बांग्लादेशियों को सरकारों द्वारा वोट बैंक की लालच में दिया गया है ? क्योंकि, बीते कई चुनावों में हमने देखा है कि, मुस्लिम समुदाय एकतरफा और एकमुश्त होकर वोट करता है, इसलिए कई सियासी दल हर तरह से उन्हें खुश रखने की कोशिश करते ही हैं। ऐसा राजनेताओं के बयानों में भी कई बार देखा जा चुका है।