'आतंकवाद की तो निंदा कर देते..', फिलिस्तीन के पक्ष में 'कांग्रेस' ने पारित किया प्रस्ताव, CM सरमा बोले- छोटे बच्चों की हत्या पर चुप्पी क्यों ?

'आतंकवाद की तो निंदा कर देते..', फिलिस्तीन के पक्ष में 'कांग्रेस' ने पारित किया प्रस्ताव, CM सरमा बोले- छोटे बच्चों की हत्या पर चुप्पी क्यों ?
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गुवाहाटी: असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार (12 अक्टूबर) को इजरायल-फिलिस्तीन युद्ध पर उनके प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा और पार्टी की तुलना पाकिस्तान से की। जोरहाट में पत्रकारों से बात करते हुए सीएम सरमा ने कहा कि कांग्रेस को हमास के आतंकवादी हमलों की निंदा करनी चाहिए थी और फिर फिलिस्तीन के बारे में कुछ बोलना चाहिए था। उन्होंने कहा कि, "लेकिन अपने प्रस्ताव में उन्होंने पाकिस्तान की तरह केवल फिलिस्तीन के बारे में बात की।"

 

कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए मुख्यमंत्री ने पूछा कि क्या ऐसे बयानों वाली पार्टी "भारत में सरकार बनाना चाहती है या पाकिस्तान में।''  उन्होंने कहा कि 'कांग्रेस पार्टी की ये नैतिक जिम्मेदारी थी कि उन्हें आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करनी चाहिए थी। हमास ने जो बच्चों और महिलाओं को बंधक बना रखा है, उसकी कांग्रेस को निंदा करनी चाहिए थी, बच्चों की हत्या की गई, उसकी निंदा करते। साथ में ये भी बोलते कि फिलिस्तीन भी होना चाहिए। मगर, कांग्रेस का जो प्रस्ताव है, उसमें आतंकवाद का कहीं कोई जिक्र ही नहीं है, हमास की बात भी नहीं हैं, मां और बच्चों को बंधक बनाया गया है उसका भी जिक्र नहीं हैं।' 

हिमंता सरमा ने कहा कि 'आज भी 150 लोग हमास के बंधक है, कांग्रेस के प्रस्ताव में उसकी कोई बात नहीं हैं, सिर्फ फिलिस्तीन की बात है। इसी प्रकार का बयान पाकिस्तान का ही है। इसीलिए कभी-कभी मन में ये सवाल आता है कि कांग्रेस पार्टी अगली बार अपनी सरकार भारत में बनानी चाहिए कि पाकिस्तान में बनानी चाहिए। मुझसे पूछा जाए तो कांग्रेस को अपनी सरकार तालिबान के साथ गंठबंधन करके अफगानिस्तान में, या फिर इमरान खान या शहबाज शरीफ के साथ गठबंधन करके पाकिस्तान में सरकार बनाना चाहिए।'

सरमा की प्रतिक्रिया पार्टी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था कांग्रेस कार्य समिति (CWC) द्वारा युद्ध पर अपनी "निराशा और पीड़ा" व्यक्त करने के कुछ दिनों बाद आई है। प्रस्ताव में कांग्रेस द्वारा फ़िलिस्तीनी लोगों के "भूमि (और) स्वशासन, और गरिमा और सम्मान के साथ जीने" के अधिकार के प्रति अपने समर्थन को रेखांकित किया गया। गौर करने वाली बात ये है कि, इस प्रस्ताव में कांग्रेस में इजराइल पर हुए अब तक के सबसे खतरनाक आतंकी हमले के बारे में कुछ नहीं कहा है। इस हमले में इजराइल के 1000 से अधिक लोगों की जान गई है, जिसमे महिलाएं-बच्चे सभी शामिल हैं। यहाँ तक कि, आतंकी संगठन हमास ने कई लोगों को बंधक भी बना लिया है। हमास के आतंकी, महिलाओं की नग्न परेड करवा रहे हैं,  छोटे-छोटे बच्चों की गर्दनें काट रहे हैं। लेकिन, इन तमाम बर्बरताओं के बावजूद कांग्रेस ने हमास के खिलाफ एक शब्द नहीं कहा है। 

बता दें कि, फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास ने अचानक हमला करके यहूदी अवकाश पर गए 150 से अधिक सैनिकों, महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों सहित 1,200 से अधिक इजरायलियों की हत्या कर दी। हमास आतंकवादियों द्वारा कई विदेशी नागरिकों की हत्या कर दी गई या उनका अपहरण कर लिया गया। इज़रायली सेना अभी भी शवों की खोज कर रही है, उनमें से कुछ जलकर मर गए थे। जले हुए घर, मृत परिवार और बर्बाद गांव बताते हैं कि हमला कितना भयानक था। ऐसे समय में अरब देशों के कुछ हितों के लिए भारत से फिलिस्तीन का पक्ष लेने की उम्मीद करना भारत का आदर्श नहीं है। दरअसल, इजराइल पर हमले को लेकर भारत की प्रतिक्रिया वैसी ही रही है, जैसी दुनिया के ज्यादातर ताकतवर नेताओं की थी।  

इजराइल पर हुए वीभत्स हमले के दो दिन बाद यानी सोमवार (9 अक्टूबर) को कांग्रेस ने सुबह एक बयान जारी करते हुए इजराइल पर हुए हमले की निंदा की थी, हालाँकि, कांग्रेस ने हमले को 'आतंकी हमला' कहने से परहेज किया था। लेकिन, इसके बावजूद कांग्रेस के मुस्लिम समर्थक नाराज़ हो गए थे और सोशल मीडिया पर कांग्रेस को वोट न देने की धमकी देने लगे थे। इसके बाद कांग्रेस ने उसी दिन शाम को बड़ा यू-टर्न लेते हुए अपनी वर्किंग कमिटी (CWC) की मीटिंग में बाकायदा फिलिस्तीन (हमास का समर्थक) के समर्थन में एक प्रस्ताव पारित किया, यहाँ कांग्रेस ने इजराइल पर हुए हमले का कोई जिक्र ही नहीं किया।  ये कदम कांग्रेस ने इसलिए उठाया है कि, उसका मुस्लिम वोट बैंक नाराज़ न हो, क्योंकि आने वाले दिनों में 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं और अगले साल लोकसभा चुनाव। लेकिन, ये भी एक बड़ा सवाल है कि, जिस हमास ने 40 मासूम बच्चों की निर्मम हत्या कर दी, महिलाओं के रेप किए, उन्हें नग्न कर घुमाया, बिना उकसावे के इजराइल के लगभग 900 लोगों का नरसंहार कर दिया, उसे आतंकी संगठन नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे ?

 

भूपेन बोरा बोले हिमंता सरमा झूठे:-

असम कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष भूपेन बोरा ने सरमा पर पलटवार करते हुए कहा कि वह ''झूठे'' हैं। बोरा ने कहा है कि, ''इजरायली सरकार ने अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं की है कि हमास ने बच्चों की हत्या की है या नहीं। जयराम रमेश द्वारा जारी संदेश का पहला बयान है- 'भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इजराइल के लोगों पर क्रूर हमलों की निंदा करती है। हमेशा की तरह, अपने बॉस (पीएम नरेंद्र) मोदी की तरह, मुख्यमंत्री झूठ बोल रहे हैं। बोरा ने कहा कि, झूठ बोलना हिमंत बिस्वा सरमा का दूसरा स्वभाव बन गया है।' बता दें कि, इजराइल ने खुद पुष्टि की है कि, हमास ने 40 बच्चों की निर्मम हत्या की है, यहाँ तक कि, इजराइल ने बेहद दुःख के साथ उन बच्चों की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर डाली है, ताकि दुनिया हमास की दरिंदगी देख सके। वहीं, भूपेन बोरा का कहना है कि, हमास ने बच्चों को नहीं मारा। हम यहाँ पर इजराइल का वो ट्वीट आपको दिखा रहे हैं, जिससे आपको पता चल जाएगा कि, झूठ कौन बोल रहा है ? 

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