'अगर आपके पास पैसे हैं, तो आप भारतीय शिक्षा प्रणाली को खरीद सकते हैं..', NEET पर संसद में बोले राहुल गांधी

'अगर आपके पास पैसे हैं, तो आप भारतीय शिक्षा प्रणाली को खरीद सकते हैं..', NEET पर संसद में बोले राहुल गांधी
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नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र में आज सोमवार (22 जुलाई) को पहले ही दिन उस समय तीखी नोकझोंक हुई जब कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) 2024 में कथित लीक को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पर हमला बोला। राहुल गांधी ने कहा, "पूरे देश के सामने यह बात स्पष्ट है कि हमारी परीक्षा प्रणाली में बहुत गंभीर समस्या है, सिर्फ NEET में ही नहीं बल्कि सभी प्रमुख परीक्षाओं में फ्रॉड है। इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए प्रधान ने कहा कि, "सिर्फ़ चिल्लाने से झूठ सच नहीं हो जाता। विपक्ष के नेता का यह कहना कि देश की परीक्षा प्रणाली बकवास है, बेहद निंदनीय है।"

राहुल गांधी ने आगे कहा कि, ''मंत्री (धर्मेंद्र प्रधान) ने खुद को छोड़कर सभी को दोषी ठहराया है। मुझे नहीं लगता कि उन्हें यहां चल रही बुनियादी बातों की समझ भी है।" राहुल गांधी ने भारतीय परीक्षा प्रणाली की अखंडता पर चिंता व्यक्त करते हुए दावा किया कि लाखों छात्र मानते हैं कि यह धोखाधड़ी है। उन्होंने कहा, "लाखों लोग मानते हैं कि अगर आप अमीर हैं और आपके पास पैसा है, तो आप भारतीय परीक्षा प्रणाली को खरीद सकते हैं और विपक्ष भी यही सोचता है।" उन्होंने इस मामले पर एक दिन की अलग चर्चा की मांग की।

हालांकि, प्रधान ने गांधी के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि पिछले 7 वर्षों में 70 पेपर लीक का कोई सबूत नहीं मिला है, ऐसा कोई डाटा मौजूद नहीं है। हाँ कुछ गड़बड़ियां हुईं हैं, जो सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विचाराधीन हैं। यह (NEET) मामला भी सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कह सकता हूं कि NTA के बाद 240 से अधिक परीक्षाएं सफलतापूर्वक आयोजित की गई हैं।" शिक्षा मंत्री को और घेरने के प्रयास में राहुल गांधी ने पूछा, "चूंकि यह (NEET) एक व्यवस्थित मुद्दा है, तो आप इस मुद्दे को ठीक करने के लिए वास्तव में क्या कर रहे हैं?" 

इस पर प्रधान ने संसद में राहुल के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी और अनियमितताओं से निपटने के उद्देश्य से एक नया कानून बनाया है। मंत्री ने याद दिलाया कि पूर्ववर्ती UPA सरकार में भी इसी तरह के विधेयक पेश किए गए थे, मगर सत्तारूढ़ कांग्रेस ने "दबाव में" उन्हें रद्द कर दिया था। चर्चा तब और अधिक विवादास्पद हो गई जब समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव भी इस मुद्दे से निपटने के सरकार के तरीके की आलोचना करते हुए इसमें शामिल हो गए।

यादव ने कहा, "यह सरकार पेपर लीक का रिकॉर्ड बनाएगी।" "कुछ केंद्र ऐसे हैं जहां 2,000 से ज़्यादा छात्र पास हो गए हैं। जब तक यह मंत्री (शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान) वहां हैं, छात्रों को न्याय नहीं मिलेगा।" अखिलेश को जवाब देते हुए प्रधान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार नतीजे सार्वजनिक किए गए हैं। उन्होंने कहा, "मैं राजनीति नहीं करना चाहता, लेकिन मेरे पास अखिलेश यादव के शासनकाल में कितने पेपर लीक हुए, इसकी सूची है।"

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