नई दिल्ली: बांग्लादेश में भड़की हिंसा के चलते प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा देकर भारत में शरण ली है। इस घटनाक्रम के कारण उनकी कट्टर प्रतिद्वंद्वी खालिदा जिया की पार्टी, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP), भारत के खिलाफ नाराजगी जता रही है। BNP के वरिष्ठ नेता गेश्वर रॉय ने कहा है कि अगर भारत शेख हसीना की मदद करता है, तो दोनों देशों के बीच सहयोग बनाए रखना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत ने पहले भी शेख हसीना के सत्ता में वापस आने का समर्थन किया था।
गेश्वर रॉय ने कहा कि, "अगर आप हमारी दुश्मन की मदद करेंगे तो दोनों देशों में पारस्परिक सहयोग को जारी रखना मुश्किल हो जाएगा।'' उन्होंने कहा कि, 'भारत, शेख हसीना को ढो रहा है, भारत और बांग्लादेश के लोगों को एक-दूसरे से कोई समस्या नहीं है, पर क्या भारत को पूरे देश की जगह एक पार्टी को बढ़ावा देना चाहिए?' उल्लेखनीय है कि, शेख हसीना फिलहाल भारत में हैं, लेकिन उनकी आगे की योजनाएं अस्पष्ट हैं। उनके बेटे सजीब वाजेद ने कहा है कि बांग्लादेश में लोकतंत्र की बहाली के बाद ही शेख हसीना वतन लौटेंगी। उन्होंने भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उनकी मां की सुरक्षा के लिए धन्यवाद भी किया है, साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि शेख हसीना ने ब्रिटेन में राजनीतिक शरण की मांग नहीं की है।
इस बीच, बांग्लादेश में एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया है, जिसमें नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को प्रमुख नियुक्त किया गया है। उन्होंने शपथ लेते हुए संविधान की रक्षा करने का वचन दिया है। इस अंतरिम सरकार में 16 सदस्य शामिल हैं, जिनमें हसीना के विरोधी छात्र नेता भी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोहम्मद यूनुस को उनकी नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं दीं और बांग्लादेश में हिंदुओं सहित सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।