अक्सर जब आप रिज्यूम तैयार करते है और अच्छी नौकरी की चाह में आप गलत जानकारी लिख देते है. गलत जानकारी के आधार पर भले ही कुछ लोग नौकरी प्राप्त कर लें परंतु बाद में उन्हें इसकी वजह से नौकरी से हाथ धोना या अन्य गम्भीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। झूट के आधार पर आपको भविष्य में बड़ी समस्या से गुजरना पड़ सकता है.
नई विधियों का प्रयोग:-
वर्तमान में कम्पनियां प्रार्थियों के दावों की जांच-पड़ताल के लिए सम्पर्कों के साथ-साथ नवीन तकनीकों का भी प्रयोग करने लगी हैं। जैसे कि टैलीफोन इंटरव्यू में हो सकने वाली धांधली की सम्भावना खत्म करने के लिए कुछ कम्पनियों ने वीडियो इंटरव्यू लेने शुरू कर दिए हैं ।रैफ्रैंस के लिए रिज्यूमे में दिए नामों के अलावा वे अपने स्तर पर अन्य सम्पर्कों से प्रार्थी के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकती हैं। इतना ही नहीं, वे सच्चाई का पता लगाने के लिए जासूसी एजैंसियों की सेवाएं भी ले सकती हैं। वहीं अब सोशल मीडिया भी कम्पनियों की काफी सहायता कर देता है। वहां से उम्र, स्कूल, कॉलेज से लेकर जिन कम्पनियों में काम किया है, वहां तक की जानकारी का मिलान किया जा सकता है।
कुछ लोग फ़ोन कॉल पर इंटरव्यू लेते है जिससे सामने वाले व्यक्ति की असलियत समझ में नहीं आ पाती है कई बार रिज्यूम में जो लिखा गया उसका भी नॉलेज नहीं होता है. और उनके गलत रिज्यूम की वजह से उनका सिलेक्शन हो जाता है. लेकिन इससे आप बड़ी समस्या से गुजर सकते है.
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