भोपाल: मध्य प्रदेश में कॉलेजों की लाइब्रेरी में RSS विचारकों की पुस्तकों को रखने के विवाद पर सीएम मोहन यादव ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि वाचनालय और ग्रंथालयों में सिर्फ RSS ही नहीं, बल्कि सभी विचारकों की पुस्तकें सम्मिलित की जाएंगी। सीएम यादव ने भोपाल के सप्रे संग्रहालय में भारतीय भाषा महोत्सव का उद्घाटन करते हुए इस मुद्दे पर कहा कि अभी तक पाठ्यक्रम का निर्धारण नहीं हुआ है। कोर्स को अंतिम रूप देने का कार्य एक विशेष समिति द्वारा किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि लाइब्रेरी में विभिन्न विचारों के लेखकों की पुस्तकें रखी जाएंगी, चाहे वे RSS से संबंधित हों या अन्य किसी से। उन्होंने कहा, “लाइब्रेरी में पुस्तकें न रखें तो क्या करें? पढ़ना आपकी मर्जी है, न पढ़ना भी आपकी मर्जी है।”
आगे सीएम मोहन यादव ने कहा कि ज्ञान का प्रवाह किसी एक दिशा से नहीं आना चाहिए, बल्कि दसों दिशाओं से आना चाहिए। यही भारत की विशेषता है और यही वजह है कि देश प्रगति कर रहा है। उन्होंने जोर दिया कि वाचनालय और ग्रंथालय ज्ञान के आदान-प्रदान के महत्वपूर्ण स्थान होते हैं, और वहां विभिन्न विचारों की किताबें होनी चाहिए। इससे पहले, मध्य प्रदेश के पर्यटन मंत्री धर्मेंद्र लोधी ने भी इस विवाद पर कहा था कि RSS का नाम सुनकर कांग्रेस को हमेशा से परेशानी होती है। उन्होंने कांग्रेस पर वामपंथी इतिहासकारों के साथ मिलकर शिक्षा को प्रभावित करने का आरोप लगाया तथा कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत भारतीय परंपराओं को पढ़ाने में क्या आपत्ति हो सकती है?
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के कॉलेजों में नई पुस्तकों की खरीद को लेकर विवाद उठ खड़ा हुआ है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ के लिए ये पुस्तकें खरीदी जानी हैं। ये किताबें पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं होंगी, बल्कि लाइब्रेरी में उपलब्ध रहेंगी। इनमें कुछ पुस्तकों के लेखक RSS विचारक भी हैं।
मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग के अफसर डॉ. धीरेंद्र शुक्ला ने सभी सरकारी एवं प्राइवेट कॉलेजों के प्राचार्यों को 88 पुस्तकों का सेट खरीदने का निर्देश दिया है। इन पुस्तकों में प्रमुख RSS विचारकों जैसे सुरेश सोनी, दीनानाथ बत्रा, अतुल कोठारी, देवेंद्र राव देशमुख और संदीप वासलेकर की किताबें शामिल हैं। ये लेखक RSS की शैक्षिक शाखा विद्या भारती से जुड़े हैं। विभाग ने कॉलेजों से जल्द ही इन पुस्तकों को खरीदने के निर्देश दिए हैं।
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