लखनऊ: कर्नाटक से शुरू हुए हिजाब विवाद को उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड के प्रमुख इफ्तिखार अहमद जावेद ने मंगलवार (12 अप्रैल 2022) को मुस्लिम मौलवियों की साजिश बताया है। उन्होंने कहा कि ये विवाद मुस्लिमों के गलत नेतृत्व की वजह से पैदा हुआ था। मौलवियों ने महिलाओं को अपने नियंत्रण में रखने और उन्हें मुस्लिम पितृसत्ता में छोटा महसूस कराने के लिए जानबूझकर हिजाब विवाद शुरू किया था।
जावेद ने कहा कि मौलवियों ने तीन तलाक, कई महिलाओं से निकाह या हिजाब विवाद को जन्म देकर मुस्लिम महिलाओं की आजादी को कुचलने का प्रयास किया। मुस्लिमों में सबसे बड़ी समस्या नेतृत्व की है। मौलवियों को शांति बिल्कुल भी पसंद नहीं। उन्होंने आगे कहा कि, 'वे हमेशा चाहते हैं कि कुछ मुद्दे विवाद पैदा करें।' मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इफ्तिखार अहमद जावेद ने कहा कि, 'हिजाब में एक बेहद स्पष्ट अवधारणा है। महिलाएँ इसे घर, मस्जिदों, मजारों, शादियों और बाजारों में पहन सकती हैं। मगर वो हिजाब को सेना में, केबिन क्रू के रूप में, पुलिस फोर्स में, डॉक्टरों के रूप में, वकीलों के रूप में और यहाँ तक कि इसे स्कूल पहनकर जाने की जिद नहीं कर सकती हैं। हिजाब ये सब काम करने के लिए नहीं है।'
उन्होंने आगे कहा कि, मुस्लिम महिलाओं को मुख्यधारा से बाहर रखने के लिए जानबूझकर हिजाब विवाद पैदा किया गया। बता दें कि इससे पहले इफ्तिखार अहमद जावेद ने विगत 25 मार्च 2022 को राज्य के सभी मदरसों में राष्ट्रगान को अनिवार्य कर दिया था। उन्होंने कहा था कि, 'राष्ट्रगान विभिन्न स्कूलों में गाया जाता है और हम मदरसा के विद्यार्थियों में भी देशभक्ति की भावना जगाना चाहते हैं, ताकि वे हमारे इतिहास और संस्कृति को जान सकें।'
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