पटना : आप भी सोच रहे होंगे कि अस्पताल कोई चलित चीज तो हैं नहीं तो फिर ऐसे कैसे अस्पताल किसी के घर जा सकता है . लेकिन बिहार में सब सम्भव है. जब फर्जी तरीके से बोर्ड परीक्षा में टॉपर बना जा सकता है तो राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के पिता के बीमार होने पर अस्पताल भी घर पहुँचाया जा सकता है. आपको बता दें कि राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद जब बीमार पड़े तो राजधानी पटना के प्रीमियर सरकारी अस्पताल आईजीआईएमएस से डॉक्टरों की टीम की तैनाती उनके आवास पर करके अस्पताल को घर पहुंचा दिया गया . पता ही है कि बिहार के वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के बेटे हैं.
आपको बता दे कि सरकारी नियमों के अनुसार किसी के आवास पर डॉक्टरों की ऐसी तैनाती नहीं की जा सकती. लेकिन चूँकि लालू यादव के बेटे तेज प्रताप यादव राज्य के स्वास्थ्य मंत्रीके अलावा आईजीआईएमएस के चेयरमैन भी हैं तो जन सेवा के नाम पर इतना तो हक बनता है. डॉक्टरों के लिए भी अच्छा है कि सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का. मामला राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के बीमार पिता का हो तो न तो इंकार किया जा सकता है और न ही विरोध.
गौरतलब है कि इसी महीने अस्पताल के तीन डॉक्टरों और दो मेल नर्सों की ड्यूटी उनके आवास 10, सर्कुलर रोड पर आठ दिनों के लिए लगाईं गई. इससे संबंधित पत्र भी डॉक्टरों को जारी हुए, उनकी 31 मई, 2017 को वहां ड्यूटी लगाई गई और 8 जून को तेजप्रताप जब पूजा-पाठ के लिए वृंदावन गए तब जाकर इन डॉक्टरों को एक और विभागीय पत्र के माध्यम से जब आईजीआईएमएस वापस बुलाया गया. तब यह मामला सामने आया .
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