अनिरुद्ध अग्रवाल को लोग असल जीवन में भले ही नाम से न जानते हों, लेकिन 'बंद दरवाजा' और 'पुराना मंदिर' जैसी मूवी का नाम सुनकर उन्हें तुरंत ही वह चेहरा याद आ जाता है, जिसे देख हर कोई थरथरा जाता है। आज भी लोग अनिरुद्ध अग्रवाल को 'पुराना मंदिर' के सामरी के नाम से भी पहचाने जाते है। एक वक़्त तो ऐसा भी था, जब असल जिंदगी में भी लोग अनिरुद्ध अग्रवाल को देखकर डरने लग जाते है। उनका चेहरा-मोहरा सब बदलने लगा था। हाथ-पैर बेहिसाब तरीके से बढ़ने लगे थे और ठोड़ी व नाक भी बाहर निकल गई थी। लेकिन अनिरुद्ध अग्रवाल ने हिम्मत नहीं हारी और अपनी उस बीमारी को भी ताकत भी बना चुके है।
अनिरुद्ध अग्रवाल एक्टर बनने से पहले एक इंजीनियर भी थे। लेकिन उनकी निजी जिंदगी के साथ-साथ फिल्मी सफर काफी चुनौतियों से कम नहीं था। पर अनिरुद्ध अग्रवाल ने हर चुनौती का सामना किया और अपनी सफलता के साथ-साथ जिंदगी के रास्ते खुद बना दिया। 'मंडे मोटिवेशन' सीरीज में हम आपको अनिरुद्ध अग्रवाल की इसी इंस्पायरिंग जर्नी के बारे में जानकारी देने जा रहे है।
अनिरुद्ध अग्रवाल की शुरुआती जिंदगी: Anirudh Agarwal मुंबई के अंधेरी क्षेत्र में SV रोड पर रहते हैं। लेकिन वह मूल रूप से देहरादून के विकासनगर के निवासी है। अनिरुद्ध के पिता पहाड़ी सब्जियों और दालों का बिजनेस करते थे और अच्छी-खासी आमदनी रही। पिता चाहते थे कि बेटा अनिरुद्ध इंजीनियर भी बन गए। इसलिए अनिरुद्ध अग्रवाल ने देहरादून से स्कूली पढ़ाई पूरी करने के उपरांत देहरादून के ही एक कॉलेज में एडमिशन ले लिया। अनिरुद्ध अग्रवाल ने आईआईटी रुड़की से सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री ली। बाद में वह एक कंपनी में इंजीनियर के तौर पर काम करने लग गए।
बेटी और पति संग पिकनिक पर निकली प्रियंका, सामने आई फोटोज
ब्लैक थाई स्लिट ड्रेस में काइली जेनर ने लगाया ग्लैमर का तड़का
वायरल हुई प्रियंका की बेटी की तस्वीर, एक्ट्रेस ने कहा- मेरी दुनिया...