लखनऊ: कोरोना की तीसरी लहर के कहर का डर लोगों के बीच मौजूद है। इसे लेकर इस समय पूरा देश दहशत में है। हालाँकि अब इस बीच एक राहत भरी खबर सामने आई है। हाल ही में कानपुर आईआईटी के सीनियर वैज्ञानिक ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका से साफ मना कर दिया है। जी दरअसल उनका कहना है कि तीसरी लहर आने की गुंजाइश न के बराबर है। हाल ही में उन्होंने कहा, 'देश में इतने बड़े स्तर पर कोरोना वैक्सीनेशन किया जा रहा है कि तीसरी लहर का खतरा नहीं दिख रहा है।'
यह बात प्रो। अग्रवाल ने गणितीय सूत्र मॉडल के आधार पर कही है। वहीं दूसरी तरफ सीनियर वैज्ञानिक पद्मश्री मणींद्र अग्रवाल का कहना है कि 'लगातार हो रहे वैक्सीनेशन की वजह से संक्रमण कम हो रहा है। यूपी, दिल्ली और बिहार में कोरोना के बहुत ही कम मामले हैं। इस वजह से तीसरी लहर का खतरा न के बराबर ही है।' बात करें आईआईटी वैज्ञानिक की स्टडी के बारे में तो उसके अनुसार अक्टूबर महीने तक देश में कोरोना के एक्टिव मामले 15 हजार के करीब रहेंगे। जी दरअसल उनका कहना है कि केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक और असम से लगातार संक्रमण के मामले सामने आते रहेंगे।
आप सभी को बता दें कि आईआईटी के सीनियर वैज्ञानिक अपनी नई-नई स्टडी से लगातार सरकार को अलर्ट करते रहते हैं। उन्होंने कोरोना की दूसरी लहर को लेकर बीते समय में जो दावा किया था, वह काफी हद तक सही साबित हुआ था। वहीं अब अपने द्वारा जारी की एक रिपोर्ट में उन्होंने दावा किया है कि अक्टूबर तक कोरोना की तीसरी लहर की आशंका न के बराबर है। इसके अलावा अपनी रिपोर्ट में उन्होंने कहा है कि अक्टूबर तक यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश, दिल्ली में संक्रमण के एक्टिव केस कम होकर इकाई अंक तक पहुंच जाएंगे। इसी के साथ उनका कहना यह भी है कि ''कोरोना की दूसरी लहर के बाद वैक्सीनेशन में आई तेजी की वजह से लोगों की इम्यूनिटी बूस्ट हुई है। वैक्सीन महामारी रोकने में काफी कारगर है। लॉकडाउन की वजह से भी कोरोना के मामलों में कमी आई है।''
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