देहरादून: तीर्थनगरी हरिद्वार के रानीपुर इलाके में टिहरी बांध परियोजना पुनर्निवास मंडल, ऋषिकेश सिंचाई विभाग की जमीन पर एक अवैध मजार बनाई गई थी, जिसे शनिवार को जिला प्रशासन के आदेश पर हटा दिया गया। डीएम हरिद्वार कर्मेन्द्र सिंह के आदेश पर यह कार्रवाई की गई, जिसका नेतृत्व SDM अजयवीर सिंह ने किया। इस दौरान, बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात था और मौके पर विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
अवैध मज़ारों पर चल रहा धामी का बुलडोजर
— Dhruv Mishra (@dhruv_mis) October 19, 2024
हरिद्वार के बहादराबाद के मीरपुर गांव में पुनर्वास विभाग की जमीन बनी अवैध मजार को प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा के बीच बुलडोजर से गिराया गया. लगभग दो बीघा जमीन पर अवैध रूप से बनी थी मजार. #BulldozerAction #Haridwar pic.twitter.com/U1RvVocqBj
इस अवैध ढांचे को हटाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें बुलडोजर को इमारत को गिराते हुए देखा जा सकता है, और आसपास पुलिस बल तैनात दिखाई दे रहा है। देश में बुलडोजर कार्रवाई पर काफी चर्चा हो रही है, और सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर चार बार सुनवाई की है। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने कहा कि जब तक फैसला नहीं आता, किसी आरोपी या दोषी की संपत्ति को गिराने पर रोक जारी रहेगी। लेकिन यह आदेश उन मामलों पर लागू नहीं होगा, जहां अनधिकृत निर्माण हटाने की जरूरत है, यानी सार्वजनिक संपत्तियों पर कब्जे के मामलों में बुलडोजर कार्रवाई जारी रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी सुझाव दिया है कि ऐसी कार्रवाई से पहले एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से जानकारी दी जानी चाहिए और उसकी वीडियोग्राफी करानी चाहिए। कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई के लिए गाइडलाइंस बनाने का भी निर्देश दिया है। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि किसी भी आरोपी या दोषी की संपत्ति पर कार्रवाई करने का आधार केवल उसका दोषी होना नहीं हो सकता। अवैध निर्माण साबित होने पर भी उचित समय और वैकल्पिक व्यवस्था का प्रावधान होना चाहिए।
'बाबा सिद्दीकी के बाद राहुल गांधी को निशाना बनाए लॉरेंस बिश्नोई..', किसने दी ये धमकी?
हमास चीफ की मौत के बाद नेतन्याहू के घर पर ड्रोन हमला, लेबनान से अटैक
हादसा या साजिश? कांवड़ियों के जत्थे को कुचल गई बोलेरो, 6 की मौत, 11 जख्मी