गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा, भारत के किसी भी नागरिक को सीएए का विरोध नहीं करना चाहिए अफगानिस्तान में क्या हुआ । मुझे विश्वास है कि सीएए के पारित होने से अब सराहना हो रही है । असम के मुख्यमंत्री ने बांग्लादेश से हिंदुओं को बसाने के बारे में आगे दोहराया, "हिंदुओं का भारत पर अधिकार है क्योंकि यह उनका है ।
#TimesNowSummit | Assam CM @himantabiswa shares his perspective on the Citizenship Amendment Act.#TimesNowSummit2021 pic.twitter.com/ouTSpZPL5M
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भारतीय शब्द 1947 में गढ़ा गया था, लेकिन पिछले 7,000 वर्षों से हमारी सभ्यता को हिंदू के नाम से जाना जाता था। मैं सभ्यता में विश्वास करता हूं और यह एक हिंदू सभ्यता है। आप हमें अपनी जड़ों से अलग नहीं कर सकते । उन्होंने आगे कहा कि हर हिंदू जो किसी भी देश में परेशानी का सामना कर रहा हो, उसकी मातृभूमि को हमेशा वापस लौटना पड़ता है। बदरुद्दीन अजमल पर हंसी लेते हुए सीएम सरमा ने कहा कि अवैध प्रवासी असमिया संस्कृति और पहचान के लिए खतरा पैदा करते हैं ।
"यह 2006 में शुरू हुआ जब बदरुद्दीन अजमल के तहत यूडीएफ असम में उभरा और तब से राजनीति खंडित हो गई है । अगर आप्रवासी मुसलमान अपनी पहचान का दावा करने की कोशिश करते हैं, तो स्वदेशी मुसलमानों, हिंदुओं और ईसाइयों ने समान रूप से कहा है कि उन्हें सांप्रदायिक राजनीति का मुकाबला करने का अधिकार है । आप्रवासी असम की संस्कृति और पहचान के लिए खतरा पैदा करते हैं । पहले हम इतने मुखर नहीं थे। मुख्यमंत्री ने कहा, लेकिन एक बार जब हम सांप्रदायिक राजनीति में प्रवेश कर गए तो हमने जवाब देना शुरू कर दिया।
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