मंडी: हिमाचल प्रदेश में मस्जिदों के अवैध कब्जे का मामला निरंतर बढ़ रहा है। प्रशासन की तहकीकात में यह सामने आया है कि मंडी की पुरानी मस्जिद के स्थान पर बनी नई मस्जिद के लिए 4 गुना अधिक जमीन कब्जा कर ली गई है। हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया है कि इस मस्जिद के नीचे मंदिर के अवशेष हैं। वहीं, शिमला की कसुम्पटी मस्जिद को लेकर भी विवाद गहरा गया है; हिंदू संगठनों ने मांग की है कि इसे सील कर दिया जाए क्योंकि उनका दावा है कि यह पहले यहां थी ही नहीं। हाल ही में मंडी शहर की जेल रोड पर स्थित मस्जिद को लेकर विवाद हुआ था। हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया था कि मस्जिद ने जमीन पर अवैध कब्जा किया है। नगर निगम मंडी ने आदेश दिया था कि मस्जिद के अवैध हिस्से को तोड़ दिया जाए। अब प्रशासन के सर्वे में यह सामने आया है कि मस्जिद के निर्माण के लिए बहुत अधिक जमीन कब्जा की गई थी।
प्रशासन द्वारा किए गए सर्वे में पाया गया कि मस्जिद पर 231 वर्ग मीटर में अवैध निर्माण हुआ है, जबकि पुराने मस्जिद का क्षेत्रफल मात्र 45 वर्ग मीटर था। नई मस्जिद के निर्माण के चलते तकरीबन 180 वर्ग मीटर अतिरिक्त जमीन कब्जा कर ली गई। इसके अतिरिक्त, PWD की जमीन पर भी कब्जा हुआ। मुस्लिम समुदाय ने बिना नक्शा पास किए और बिना अनुमति के दो मंजिला मस्जिद का निर्माण किया। नगर निगम को इस निर्माण के बारे में कोई सूचना नहीं दी गई, और कई नोटिस के बावजूद निर्माण जारी रहा। जब इस अवैध निर्माण पर हिंदू संगठनों एवं स्थानीय लोगों ने विरोध किया, तो प्रशासन ने इसका संज्ञान लिया और मंडी नगर निगम ने इसकी जांच की। नगर निगम आयुक्त ने आदेश दिया कि मस्जिद का अवैध निर्माण 30 दिनों के अंदर तोड़ दिया जाए।
मस्जिद के टूटने के अतिरिक्त इसके मूल निर्माण को लेकर भी विवाद उत्पन्न हुआ है। मंडी के स्थानीय निवासी अब मंडी के उपायुक्त से मिले हैं तथा दावा किया है कि मस्जिद के नीचे एक हिंदू मंदिर के अवशेष हैं। उन्होंने मांग की है कि पुरातत्व विभाग खुदाई करे जिससे मंदिर के अवशेष मिल सकें। मंडी को छोटी काशी कहा जाता है तथा यहां बड़ी संख्या में मंदिर हैं, ऐसे में मस्जिद के नीचे मंदिर का दावा किया गया है। स्थानीय लोगों ने यह भी कहा है कि पुराने रिकॉर्ड खंगाले जाएं ताकि सच्चाई सामने आ सके तथा इस संबंध में आवेदन भी दिया गया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि जहां पर पुरानी मस्जिद का दावा है, वहां असल में शिव को समर्पित एक मंदिर था। उन्होंने कहा कि इस जगह पर पहले कश्मीर से मुस्लिम ठहरते थे और बाद में सहारनपुर के लोगों ने कब्जा कर अपनी मस्जिद बना दी।
शिमला के संजौली में मस्जिद पर हुए विवाद के बाद कसुम्पटी इलाके में बनी मस्जिद को भी सील करने की मांग की गई है। स्थानीय पार्षद अर्चना शर्मा ने मांग की है कि मस्जिद को सील किया जाए क्योंकि उनका कहना है कि यहां पहले कभी मस्जिद नहीं थी। अर्चना शर्मा ने वक्फ बोर्ड के दावे को गलत बताते हुए आरोप लगाया है कि मस्जिद का निर्माण अवैध है। पार्षद अर्चना शर्मा ने कहा कि मस्जिद जिस जमीन पर बनी है, वह असल में केंद्र सरकार की है। उन्होंने बताया कि इस मस्जिद को अदालत से गिराने का आदेश हो चुका है, किन्तु निर्माण अभी भी जारी है। उन्होंने यह भी चिंता जताई कि मस्जिद में आने वालों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। कसुम्पटी मस्जिद के आसपास के इलाके में बड़ी संख्या में मुस्लिम निवास कर रहे हैं तथा स्थानीय लोगों का आरोप है कि यहां पहले रिहायशी इलाकों में घर बनाकर उन्हें मस्जिद में बदल दिया जा रहा है।
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