नई दिल्ली: मानसून आधिकारिक रूप से 30 सितंबर यानी आज खत्म हो जाएगा. भले ही देश के अलग-अलग हिस्सों में व्यापक और भारी वर्षा का दौर जारी है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, कुल मिलाकर यह एक अच्छा साल रहा है. बुधवार को मानसून की लॉन्ग पीरियड एवरेज (LPA) का 99 प्रतिशत के लगभग है. इसके कारण ये मानसून के लिहाज से सामान्य वर्ष रहा है.
बता दें कि आईएमडी LPA के 94 फीसद से 106 फीसद के बीच मानसून को सामान्य मानता है. अगर बारिश की बात करें तो सितंबर में मानसून सबसे अधिक सक्रीय रहा. ये ऐसा महीना होता है जब आमतौर पर मानसून वापसी की तैयारी में रहता है. आंकड़े बताते हैं कि जून में 9.6 फीसदी अधिक वर्षा हुई है. जुलाई में ये 6.9 फीसदी की गिरावट, अगस्त में 24 फीसदी की गिरावट, सितंबर में 31.7 फीसदी अधिक वर्षा हुई है. बता दें कि मानसून आमतौर पर 17 सितंबर को उत्तर पश्चिम भारत से अपनी वापसी आरंभ कर देता है. लेकिन इस बार डीप डिप्रेशन और चक्रवाती तूफानों के कारण माह के अंत में भी तेज बारिश दर्ज की गई.
मौसम का पहला डीप डिप्रेशन 13 सितंबर को बना था. एक और डिप्रेशन 25 सितंबर को बंगाल की पूर्व-मध्य खाड़ी के ऊपर बना, जो बाद में चक्रवाती तूफान गुलाब में तब्दील हो गया. रविवार शाम को यह उत्तरी आंध्र प्रदेश- दक्षिण ओडिशा के तटों को पार कर गया. IMD के पूर्वानुमान के अनुसार, गुलाब का एक अवशेष गुरुवार को अरब सागर तक पहुंचने और शुक्रवार तक चक्रवात शाहीन में और तेज होने का अनुमान है.
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