नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा को अपने सरकारी बंगले के आवंटन को निरस्त किए जाने के फैसले के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट पहुंचे और कोर्ट से उन्हें तुरंत राहत भी मिल गई है. दरअसल, सांसद चड्ढा ने सरकारी बंगले के आवंटन को निरस्त करने के फैसले को पटियाला हाउस कोर्ट में चुनौती दी थी. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा था कि केंद्र सरकार द्वेष की भावना से कार्रवाई कर रही है और भाजपा ने द्वेष भावना के तहत बंगाल के आवंटन को रद्द करने का निर्णय लिया है.
बता दें कि, राघव चड्ढा के बंगले के आवंटन को निरस्त करने का नोटिस राज्यसभा सचिवालय ने जारी किया था. अब, पटियाला हाउस कोर्ट ने राज्यसभा सचिवालय को नोटिस जारी कर कहा है कि वह अपने नोटिस पर रोक लगाए. इसके साथ ही न्यायालय ने अगली सुनवाई तक राघव चड्ढा के बंगला खाली करने के नोटिस पर स्टे लगा दिया है. बता दें कि, चड्ढा को जो बंगला आवंटित किया गया था, वह पंडारा रोड पर स्थित है, जिसका नंबर AB5 है. पटियाला हाउस कोर्ट ने कहा कि राज्यसभा सचिवालय की हाउस कमेटी अपने आदेश पर उस समय तक कोई कार्रवाई न करे, जब तक इस मामले पर अगली सुनवाई नहीं हो जाती है.
एक जून को राघव चड्ढा ने कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया. इसमें उन्होंने दलील देते हुए कहा कि उन्हें राज्यसभा स्पीकर (उपराष्ट्रपति) द्वारा प्रक्रिया के मुताबिक, वैध रूप से बंगला आवंटित किया गया था. वह नवीनीकरण के बाद टाइप 7 बंगले में रहने के लिए चले गए थे और आवंटन पत्र में ही परिस्थितियों को शामिल किया गया था. चड्ढा ने आवंटन रद्द करने वाले पत्र को मनमाना करार दिया है. पटियाला हाउस कोर्ट में 10 जून को मामले की अगली सुनवाई मुकर्रर की है.
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