इम्फाल: मणिपुर हिंसा मामले को लेकर आज यानी बुधवार (17 मई) को सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने मणिपुर उच्च न्यायालय के आदेश पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि फैसले पर रोक लगानी होगी. इसके साथ ही याचिकाकर्ता की मांग पर सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को कुछ चिन्हित गांवों की सुरक्षा को फ़ौरन बढ़ाने का आदेश दिया है.
सुनवाई के दौरान CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि हमें मणिपुर उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगानी होगी. यह पूरी तरह से तथ्यात्मक तौर पर गलत है और हमने न्यायमूर्ति मुरलीधरन को अपनी गलती सुधारने के लिए वक़्त दिया और उन्होंने ऐसा नहीं किया. हमें अब इसके खिलाफ सख्त रुख अपनाना होगा. CJI की बेंच ने कहा कि मणिपुर राज्य द्वारा स्थिति रिपोर्ट दाखिल की गई है. मणिपुर राज्य ने सूचित किया है कि 27 मार्च, 2023 के उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एमवी मुरलीधरन के फैसले के खिलाफ ऑल मणिपुर ट्राइबल यूनियन द्वारा एक रिट अपील दाखिल की गई है. रिट अपील पर विचार करते हुए नोटिस जारी किया गया है और जून में सुनवाई की जाएगी.
CJI ने कहा कि याचिकाकर्ता की तरफ से चिन्हित गांवों में सुरक्षा को लेकर आवेदन किया गया है. मणिपुर के मुख्य सचिव और सुरक्षा सलाहकार इन गांवों में सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए फ़ौरन समुचित कदम उठाएं. याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार ने कहा कि अवैध अप्रवासी म्यांमार से आ रहे हैं और वे मणिपुर में बसना चाहते हैं. वे अफीम की खेती में शामिल हैं और इस प्रकार ये उग्रवादी शिविर वहां बढ़ रहे हैं. मैंने एक याचिका दाखिल की है.
मान गए DK, सिद्धारमैया ही बनेंगे कर्नाटक के नए सीएम ! जल्द ऐलान कर सकती है कांग्रेस
तिहाड़ जेल में सत्येंद्र जैन का 'अकेलापन' दूर करने वाले अफसर पर गिरी गाज, DG ने 4 अफसरों को हटाया
सिंगरौली आकर कमलनाथ ने MP सरकार पर कसा तंज, कहा- 'शिवराज के 'सिंगापुर' का हाल बेहाल'