नई दिल्ली: कनाडा पढ़ने गए पंजाब के 700 स्टूडेंट्स का भविष्य खतरे में डालने वाले ब्रिजेश मिश्रा को कनाडा में अरेस्ट कर लिया गया है। यह मामला कनाडा सरकार के उस आदेश से संबंधित है, जिसमें 700 से अधिक भारतीय छात्रों को डिपोर्ट करने करने की बात कही गई थी। हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कनाडा सरकार ने अपने इस आदेश को स्थगित कर दिया है। इन छात्रों के भविष्य के साथ खेलने के पीछे बृजेश मिश्रा का हाथ है, वह मामला सामने आने के बाद से फरार चल रहा था। बृजेश मिश्रा पर इसके अतिरिक्त और भी कई इल्जाम हैं। वह जालंधर में मौजूद एजुकेशन माइग्रेशन सर्विसेज का अध्यक्ष रहा है। छात्रों ने यहीं से स्टडी वीजा प्राप्त किया था। यह वीजा फर्जी पाया गया।
रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा बॉर्डर सर्विसेज एजेंसी (CBCA) ने एक बयान में कहा कि भारत के नागरिक ब्रिजेश मिश्रा पर इमिगिरेशन और शरणार्थी संरक्षण अधिनियम के तहत 5 इल्जाम लगाए गए हैं। सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री मार्को मेंडिसिनो ने शुक्रवार (23 जून) को एक बयान में कहा था कि, 'हमारी सरकार धोखाधड़ी के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ एक्शन ले रही है, साथ ही उन लोगों की सुरक्षा कर रही है जो यहां पढ़ाने के लिए आए हैं।' इमिगिरेशन मंत्री सीन फ्रेजर ने बृजेश मिश्रा पर बगैर लाइसेंस के इमिगिरेशन सलाह देने और दूसरों को गलत बयानी करने, अधिकारियों से जानकारी छिपाने की सलाह देने का इल्जाम लगाया है। कनाडा सीमा सेवा एजेंसी ने शुक्रवार को मिश्रा के खिलाफ एक्शन लिया है। उनका कहना है कि हमारा इरादा पीड़ित छात्रों को परेशान करना नहीं है, बल्कि हम इस मामले की एक बेहतर छानबीन करना चाहते हैं।
कनाडा के लिए बृजेश मिश्रा की अयोग्यता का पता उस समय चला, जब उसने कनाडा में प्रवेश करने की कोशिश की, जिसके चलते उसकी गिरफ्तारी हुई है। उसपर आरोप भी निर्धारित कर दिए गए हैं। ब्रिजेश मिश्रा फिलहाल ब्रिटिश कोलंबिया में प्री-ट्रायल कस्टडी में हैं। एक सूत्र के अनुसार, चूंकि उसपर आपराधिक आरोप लगाया गया है, इसलिए उसकी हिरासत को कनाडा सीमा सेवा एजेंसी से ब्रिटिश कोलंबिया में कानून प्रवर्तन में स्थानांतरित कर दिया गया है। मिश्रा की जमानत पर सुनवाई आज रात होनी है, हालांकि डेट आगे बढ़ने का अनुमान है, ऐसे में जमानत पर सुनवाई सोमवार को होगी।