कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप से भारतीय पर्यटन उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इसके साथ ही विश्व स्वस्थ्य संगठन (WHO) द्वारा इसे महामारी घोषित किए जाने के बाद दुनियाभर की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है।इसके अलावा भारत सरकार ने सभी वीजा कैंसिल करने की घोषणा की है वहीं जिसके बाद से आर्थिक प्रभाव के तौर पर कई हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है। इसके साथ ही चैंबर CII के मुताबिक , भारतीय पर्यटन उद्योग को तबाह करने के लिए यह अब तक के सबसे खराब संकटों में से एक है।
इस वायरस के बढ़ते खतरे से होटल, ट्रैवल एजेंट, टूर ऑपरेशन, डेस्टिनेशन, रेस्टोरेंट, फैमिली इंटरटेनमेंट स्थलों, समुद्री परिवहन सभी को नुकसान पहुंचा हुआ है। इसके साथ ही कोरोनोवायरस महामारी के एक प्रभाव आकलन में CII पर्यटन समिति ने कहा कि अक्टूबर से मार्च के बीच औसतन 60-65 फीसद मूल्य के हिसाब से 28 अरब अमेरिकी डॉलर से ज्यादा के विदेशी पर्यटन पर असर पड़ सकता है। इसके साथ ही CII मूल्यांकन रिपोर्ट में कहा गया है कि जैसे ही नवंबर से वायरस की खबरें आने लगीं, कैंसिलेशन का फीसद तेज़ी से बढ़ने लगा और मार्च में कई भारतीय स्थानों पर यह बढ़कर 80 फीसद तक पहुंच गया है ।इसके साथ ही भारत के सभी वीजा रद्द करने के बाद चैंबर ने कहा कि इसका प्रभाव 'बहुत खराब होगा।'
इसने आगे कहा कि अक्टूबर 2020 से मार्च 2021 के इनबाउंड सीज़न के लिए फॉरवर्ड बुकिंग के लिए सन्नाटा पसरा है। वहीं इससे यह पता चलता है कि आने वाले समय में टूरिज्म के लिए स्थिति और भी भयावह होगी। वहीं इसमें आगे कहा गया है कि विकसित बाजारों से एनआरआई सेगमेंट में बड़े पैमाने पर फॉरवर्ड कैंसिलेशन की खबरें हैं, जो अप्रैल से सितंबर की इनबाउंड यात्राओं के दौरान 60 फीसद से अधिक हैं। इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि जब तक वायरस का बढ़ना बंद नहीं हो जाता, 2020 के बचे महीनों में लगभग सभी पर खतरा मंडरा रहा है। इसके साथ ही ANAROCK प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स के अध्यक्ष अनुज पुरी ने कहा कि भारत की घूमने वाली जगह निश्चित रूप से वैश्विक महामारी की घोषणा और देश में पुष्टि की गई कोरोनोवायरस मामलों की बढ़ती संख्या से प्रभावित होगा। वहीं उन्होंने कहा कि विदेशियों के लिए वीजा रद करने के साथ-साथ भारतीयों को अनावश्यक यात्रा से दूर रहने के लिए जारी की गई सलाह एक चिह्नित प्रभाव होगी।
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