नई दिल्ली : आरबीआई के डिप्टी गवर्नर विरल वी. आचार्य के अनुसार जीडीपी पर नोटबंदी का असर जल्द ही दिखाई दे सकता है. यह प्रभाव मौजूदा जनवरी-मार्च तिमाही में कुछ क्षेत्र में संभव है. आचार्य का मानना है कि दो व्हीलर सेक्टर जैसे कुछ सेगमेंट हैं, जहां नोटबंदी का असर अब भी है.
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर आचार्य ने कहा कि नकद की कमी नकदी के झटके की तरह से है. नोटबंदी से बड़े पैमाने पर संपत्ति का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन प्रभाव थोड़े समय के लिए होगा. आप उम्मीद कर सकते हैं कि असर अस्थायी ही रहेगा. आचार्य ने कहा कि नई करंसी डालने का काम ‘बहुत तेजी’ से चल रहा है. डिप्टी गवर्नर का मानना है कि दो से तीन महीने में चलन में नोट पूरे हो जाएंगे, लेकिन नकद पहले की तुलना में कम होगा.
जीडीपी अनुमानों के बारे में आचार्य ने कहा कि हमारी निगरानी समिति के अनुमान सरकार के अनुमानों के काफी करीब हैं. आचार्य ने कहा कि यकीनन अर्थव्यवस्था को बूम देने वाले क्षेत्र अलग-अलग हो सकते हैं. लोगों ने कुछ बातें अच्छी उठाई हैं और उन पर विचार किया जा सकता है. इनमें से एक मुद्दा यह है कि ऑर्गनाइज्ड सेक्टर से कनेक्शन के आधार पर अनऑर्गनाइज्ड सेक्टर को लेकर कितना बड़ा अनुमान लगाया जा सकता है. नोटबंदी के बाद बाजार में नए नोट डालने का काम बहुत तेजी से चल रहा है और यह दो-तीन महीने में पूरा हो जाएगा.
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