सावन का पवित्र माह भगवान शंकर को अति प्रिय होता है। सावन माह के सोमवार को कई लोग व्रत रखते हैं और भगवान शिव का वे विशेष पूजन करते हैं। भगवान शिव के इस पवित्र माह में ही नाग पंचमी का त्यौहार भी आता है। हर साल नागपंचमी का त्यौहार पूरा देश सावन माह की शुक्ल पंचमी को मनाता है। भारत में इस बार नागपंचमी का त्यौहार शनिवार, 25 जुलाई को मनाया जाएगा। इसे लेकर लोग अभी से अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। इसी कड़ी में आइए आज हम आपको एक ख़ास जानकारी देते हैं। आज हम आपको नागपंचमी का महत्त्व बताते हैं। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
नागपंचमी का महत्त्व
- हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार, पौराणिक कथाओं में यह उल्लेख मिलता है कि पौराणिक काल से ही नागदेवता की पूजा की जाती रही है। अतः इसके साथ ही नाग पंचमी को उनकी पूजा का महत्त्व और भी अधिक बढ़ जाता है।
- यह मान्यता भी काफी प्रचलित है कि जो व्यक्ति इस दिन नाग देवता का सच्चे मन से पूजन करता है, वह सांपों के काटने के भय से मुक्त हो जाता है।
- नागपंचमी के दिन सर्प को दूध पिलाने का भी विशेष महत्त्व होता है। मान्यता है कि इस दिन सर्प देवता को दूध से स्नान कराने और पूजन के बाद दूध पिलाने से अक्षय-पुण्य मिलता है।
- सपेरों के लिए भी यह पर्व काफी मायने रखता है। क्योंकि इस दिन उन्हें नाग देवता को दूध पिलाने के पैसे दिए जाते हैं।
- नाग कृपा से घर को सुरक्षित रखने के लिए नाग पंचमी के दिन लोग अपने घर के प्रवेश द्वारा पर नाग देवता का चित्र भी बनाते हैं।
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